बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के किसानों को राहत देने वाली खबर है। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। अब किसानों से रकबा कटौती नहीं होगी। विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही भूपेश सरकार ने किसानों के लिए तोहफों की झड़ी लगा दी है। दरअसल चुनावी साल में प्रदेश सरकार अन्नदाताओं की नाराजगी भी मोल लेना नहीं सरकार चाहती। इसीलिए खेत के मेड़ को भी इसमे शामिल किया जाएगा। किसान पुस्तिका में दर्ज रकबा के अनुसार होगी धान की खरीदी होगी। राजस्व अमल और कृषि विभाग का मैदानी अमले मौके पर जाकर गिरदावरी कर रहे हैं।
पहले किसानों को नहीं थी धान बेचने की सुविधा
वर्ष 2020 में किसानों को अपने रकबे के हिसाब से धान बेचने की सुविधा नहीं मिली थी। इसका मुख्य कारण गिरदावरी के दौरान राजस्व व कृषि विभाग के मैदानी अमले ने खेत के रकबे से मेढ़ का रकबा घटा दिया था। मेड़ का सीमांकन कर उतना रकबा घाटे के बाद फसल वाले हिस्से का सीमांकन और सत्यापन के बाद एक एक खेत का रकबा निर्धारण किया था। इससे जिले के शत प्रतिशत किसानों के खेत के रकबे में कटौती हो गई थी। इसके चलते अपने हिस्से का धान समर्थन मूल्य पर किसान नहीं बेच पाए थे।
किसान पुस्तिका में सरकार ने किया बदलाव
किसान पुस्तिका में दर्ज रकबे के हिसाब से अन्नदाता समर्थन मूल्य पर धान बेच सकेंगे। जिले में गिरदावरी व सत्यापन का कार्य पूरी होने की स्थिति में है। राजस्व और भू अभिलेख शाखा जिले में गिरदावरी के बाद जितने एकड़ में धान या अन्य फसलों की खेती हुई है उसके हिसाब से रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है। राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार इस बार एक नवंबर से समितियों के माध्यम से किसानों का धान खरीदा जाएगा। शासन स्तर पर समर्थन मूल्य पर धान कगरीदी की तैयारी भी शुरू हो गई है।
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