एनपीएस के तहत जमा राज्य कर्मचारियों के 17,240 करोड़ रुपये वापस करे सरकार: सीएम बघेल

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार से नई पेंशन योजना (एनपीएस) के दायरे में आने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों के 17,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि वापस करने का अनुरोध किया। बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है। उन्होंने कहा कि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) में 31 मार्च तक जमा 17,240 करोड़ रुपये लौटाए जाएं ताकि इसे कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि में डाला जा सके।

छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने राज्य के जीएसटी मुआवजे और कोयला ब्लॉक कंपनियों से ‘अतिरिक्त शुल्क’ के रूप में एकत्र की गई राशि को स्थानांतरित करने की भी मांग की है। बघेल ने मानेकशॉ सेंटर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बजट पूर्व बैठक में ये मांगें रखीं। इस दौरान कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने 2023-24 के आम बजट को लेकर अपने प्रस्ताव और सुझाव भी दिए।

बघेल ने सीतारमण से यह भी कहा कि राज्य सरकार की हिस्सेदारी अलग पेंशन कोष में जमा की जाएगी। इस राशि का उपयोग भविष्य में पेंशन बाध्यताओं को पूरा करने में किया जाएगा। इसके साथ, राज्य ने भारत सरकार और राज्य की प्रतिभूतियों में निवेश किया है। उल्लेखनीय है कि सीतारमण ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान संवाददाताओं से कहा था कि एनपीएस में जमा पैसा इसमें योगदान करने वाले व्यक्तियों का है और कानून के तहत राज्य सरकारें इसे नहीं ले सकतीं।

सीतारमण ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारें केंद्र से पैसा लौटाने के लिये कह रही हैं, कानून के तहत ऐसा नहीं हो सकता। बैठक के दौरान बघेल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ ने जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था को जून 2022 के बाद अगले पांच साल तक जारी रखने का अनुरोध किया था। लेकिन इसे बढ़ाया नहीं गया। उन्होंने जीएसटी मुआवजे के रूप में 1,875 करोड़ रुपये की राशि की मांग की। बघेल ने राज्य को 4,140 करोड़ रुपये की कोयला रॉयल्टी राशि जल्द से जल्द हस्तांतरित करने का भी अनुरोध किया।

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