छत्तीसगढ़ के वाणिज्य, उद्योग तथा श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि राज्य की आवश्यकता के अनुरूप नयी औद्योगिक नीति 2024-2029 जारी की जाएगी। नयी नीति में राज्य में उपलब्ध कृषि उत्पादों, वनोपजों, खनिज सम्पदा और रोजगार मूलक उद्योगों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए नए उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। देवांगन बुधवार को विधानसभा में अपने विभागों से संबंधित अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद उनके विभागों से संबंधित 773 करोड़ 28 लाख 42 हजार रूपये की अनुदान मांग को मंजूरी दे दी गई। इनमें वाणिज्य एवं उद्योग विभाग से संबंधित व्यय के लिए 530 करोड़ 29 लाख 69 हजार रुपये तथा श्रम विभाग के लिए 242 करोड़ 98 लाख 73 हजार रुपये की राशि शामिल है। देवांगन ने अपने जवाब में कहा, ‘राज्य की वर्तमान औद्योगिक नीति 31 अक्टूबर 2024 तक प्रचलन में है। राज्य की आवश्यकता के अनुरूप इसकी समीक्षा कर नयी औद्योगिक नीति 2024-2029 जारी की जाएगी।
नयी नीति में राज्य में उपलब्ध कृषि उत्पादों, वनोपजों, खनिज सम्पदा एवं रोजगार मूलक उद्योगों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए नये उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा, नयी औद्योगिक नीति के लिए सभी हितधारकों के साथ बात करके तथा अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर एक श्रेष्ठ नीति बनाएंगे, जिससे औद्योगिक विकास में तेजी आए और प्रदेश में रोजगार के नये अवसर सृजित हो सके।” उन्होंने सदन में बताया कि युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना प्रारंभ की जाएगी। साथ ही प्रदेश में अत्याधुनिक अवसंरचना से युक्त कोरबा-बिलासपुर औद्योगिकी गलियारे के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट के क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। मंत्री ने बताया कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘इन्वेस्ट इंडिया’ की तर्ज पर ‘इन्वेस्ट छत्तीसगढ़’ सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसके आयोजन के लिए प्रारंभिक तौर पर पांच करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ स्टार्ट-अप हब और नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग इकाईयां स्थापित करने तथा राज्य में एक समृद्ध नवाचार पारिस्थितिक तंत्र तैयार करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टार्ट-अप समिट का भी आयोजन किया जाएगा।