बीजेपी नेता का दावा, भाजपा नेता की हत्या के बाद माओवादियों ने कांग्रेस के पक्ष में नारे लगाए

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में भाजपा नेता की हत्या के एक दिन बाद पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने इस घटना को ‘लक्षित’ हत्या करार दिया और दावा किया कि हमलावरों ने माओवादी आंदोलन के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी की सराहना करते हुए नारे लगाए थे। सत्तारूढ़ पार्टी के जिला स्तर के नेता और जनपद पंचायत के सदस्य तिरुपति कटला की शुक्रवार रात संदिग्ध नक्सलियों ने उस समय हत्या कर दी जब वह बीजापुर जिले के तोयनार गांव में एक विवाह समारोह में शामिल होने गए थे। पिछले एक वर्ष में राज्य के माओवाद प्रभावित इलाकों में संदिग्ध नक्सलियों द्वारा किसी भाजपा नेता या सदस्य की यह सातवीं हत्या थी। बीजापुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले गागड़ा ने शनिवार को कटला के घर का दौरा किया और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की। बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए गागड़ा ने घटना की निंदा की और कहा कि वह राज्य के गृहमंत्री से भाजपा नेताओं की ‘लक्षित’ हत्याओं की घटनाओं की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने की मांग करेंगे। गागड़ा ने कहा, ”मैंने उनके (कटला के) परिवार के सदस्यों और हत्या के चश्मदीदों से बात की।

उन्होंने बताया कि हत्या करने के बाद नक्सलियों ने कांग्रेस जिंदाबाद और लाल सलाम जिंदाबाद के नारे लगाए। यह एक टारगेट किलिंग थी। उनके परिवार के सदस्यों ने यह भी कहा कि उन्हें (पिछले साल विधानसभा) चुनाव से पहले धमकी दी गई थी।” उन्होंने कहा, ”मैंने राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप जी को इसके बारे में सूचित कर दिया है, जो शनिवार को कटला के घर गए थे। पिछले कुछ वर्षों से भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। ये घटनाएं राजनीतिक हत्याएं थीं और इसे नक्सली घटना बताने की कोशिश की जा रही है।” कांग्रेस नेताओं और नक्सलियों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए गागड़ा ने दावा किया, ”कांग्रेस नेताओं और माओवादियों के निचले स्तर के सदस्यों के बीच पहले भी गहरा संबंध देखा गया है। हम इन सभी मुद्दों को राज्य के गृह मंत्री के समक्ष उठाएंगे और इसकी एनआईए जांच की मांग करेंगे।” वहीं मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक से घटना की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने हत्या को लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में डर पैदा करने के इरादे से किया गया कायरतापूर्ण कृत्य करार दिया।

शर्मा ने कहा, ”यह कायरतापूर्ण है। इससे पहले भी भाजपा नेताओं को निशाना बनाया गया था। वे डर पैदा करना चाहते हैं क्योंकि (लोकसभा) चुनाव नजदीक हैं और (नक्सलियों के खिलाफ) कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसलिए भय उत्पन्न करने के लिए और भाजपा के कार्यकर्ता अंदरूनी क्षेत्र में न जा सकें इसलिए यह घटनाएं की जा रही है। कुछ भी हो, यह विष्णुदेव साय की सरकार है और हमारी प्रतिबद्धता बस्तर के हर कोने तक विकास पहुंचाने की है। जो भी ऐसी बाधाएं आएंगी, हम उन्हें दूर करेंगे। राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा पर अपनी विफलता का दोष विपक्षी दल पर डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने हत्या की घटना की निंदा करते हुए कहा, भाजपा सरकार की लापरवाही और अनिर्णय वाली नीति क़े कारण यह हत्या हुई, इस दुःखद हत्या की जिम्मेदार विष्णु देव सरकार है।

कांग्रेस मांग करती है कि भाजपा सरकार अपनी नक्सलवादी नीति स्पष्ट करे। सरकार के अनिर्णय वाली स्थिति के कारण जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है नक्सली गतिविधियां बढ़ी है। भाजपा की सरकार को तत्काल निर्णय लेने की आवश्यकता है। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अपनी विफलता का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ना चाहती है। माओवादियों द्वारा शनिवार को जारी एक कथित बयान में, उनकी नेशनल पार्क एरिया कमेटी ने कटला की हत्या की जिम्मेदारी ली है।

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