नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने के शक के आधार पर 45 वर्षीय ग्रामीण की उसके घर से खींचकर हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी और कहा कि मारे गए ग्रामीण का पुलिस से कोई संबंध नहीं था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के मसपुर गांव में रविवार रात नक्सलियों ने शालूराम पोटाई की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि रविवार रात लगभग 10 बजे 15 से 20 सशस्त्र वर्दीधारी नक्सली शालूराम पोटाई के घर पहुंचे और उसे खींचकर घर से बाहर निकालने के बाद उसकी हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल पर रवाना किया गया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों की कुतुल एरिया कमेटी ने घटनास्थल पर पर्चे छोड़े हैं जिसमें उन्होंने पोटाई पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया है। पुलिस अधिकारियों ने पोटाई के पुलिस के साथ संबंध होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने क्षेत्र में विकास कार्य को बाधित करने और आतंक का माहौल बनाने के लिए हताशा में निर्दोष ग्रामीण की हत्या की है। अधिकारी ने कहा, ”विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिए दो महीने पहले मसपुर गांव में एक पुलिस शिविर स्थापित किया गया था। शिविर खुलने के बाद, सोनपुर गांव से मसपुर तक एक सड़क बनाई गई और मेटानार नाले पर एक पुलिया भी बनाई गई। दो दिन पहले मसपुर से होराडी तक सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया।” उन्होंने कहा कि गांव में सड़क निर्माण कार्य शुरू होने के एक दिन बाद नक्सलियों ने एक निर्दोष ग्रामीण की हत्या कर दी, जिससे साफ पता चलता है कि वे क्षेत्र में अपनी जमीन खोने से डरते हैं और विकास कार्यों में बाधा डालना चाहते हैं।
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