छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सुकमा और बीजापुर जिले के 130 से अधिक मतदान केंद्रों में सोमवार को 40 साल बाद वहां के ग्रामीण मतदाताओं ने पंचायत चुनाव में मतदान किया। इस खबर से उत्साहित राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक्स पर ट्वीट कर खुशी जाहिर करते हुए कहा, नक्सलवाद का हो रहा अंत, जीत रहा लोकतंत्र ऐसी खबरें आत्मिक संतोष देती है कि बस्तर संभाग में अब बुलेट की जगह बैलेट का जोर चल रहा है। सुकमा और बीजापुर जिले के 130 से अधिक मतदान केंद्रों में 40 साल बाद वहां के ग्रामीण, पंचायत चुनाव में मतदान किया।
यहीं नहीं नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी ग्रामीण इस बार मतदान करने के लिए उत्साहित दिखे। साय ने कहा, पहली बार ऐसा हुआ है कि बस्तर संभाग में नक्सलियों ने पंचायत चुनाव का विरोध नहीं किया है, यह सब सम्भव हुआ है। हमारी सरकार द्वारा उन अति संवेदनशील क्षेत्रों में 40 से अधिक नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना से यह मुमकिन हो पाया। बस्तर में कैंसर रूपी नक्सलवाद के ताबूत पर आखिरी कील ठोंकने का काम हमारी डबल इंजन की सरकार कर रही है। यहां के लोगों के लिए नासूर बन चुके नक्सलियों का यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक खात्मा तय है।
बस्तर संभाग के इन सभी ग्रामीणों को बधाई एवं शुभकामनाएं। सुरक्षाबल के जवानों का सहृदय अभिनंदन। यही है गनतंत्र पर गणतंत्र की विजय! जय बस्तर, जय छत्तीसगढ़। गौरतलब है कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में 27 हज़ार 210 पंच, तीन हज़ार 605 सरपंच, 911 जनपद सदस्य तथा 149 जिला पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव हो रहा। कुल 60,203 पंच और 14,646 सरपंच प्रत्याशी मैदान में है। वहीं जिला पंचायत सदस्य के 702 और जनपद पंचायत सदस्य के 4587 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे। पहले चरण के मतदान के लिए 9873 मतदान केंद्र बनाए गए जिसके लिए आज मतदान हुआ।