रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग में बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। साय ने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों की पीड़ा को शीघ्र कम करना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन उनके साथ मजबूती से खड़ा है। इससे पहले, एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि लगातार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ के बाद दो हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
राज्य के राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ से आठ लोगों की मृत्यु हुई है तथा 96 मवेशी मारे गए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में लगभग 495 घरों और 16 पुलियों और पुलों को नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने बताया कि बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिलों में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण कई नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बस्तर में बाढ़ को लेकर समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित परिवारों को राहत राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाए। साय ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के प्रभारी सचिव अपने-अपने जिलों का दौरा करें और राहत कार्यों का सतत पर्यवेक्षण सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि प्रभावित गांवों से सड़क संपर्क बहाल करने, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत और बिजली आपूर्ति बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव जैन ने जिलाधिकारियों से कहा कि यदि उन्हें शासन स्तर से अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता हो तो वे तुरंत प्रस्ताव भेजें, जिससे शासन स्तर पर शीघ्र निर्णय लिया जा सके। वहीं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत शिविरों में भोजन, कपड़े और सूखा राशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। राहत शिविरों और प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य शिविर और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
बैठक में राजस्व सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने मुख्यमंत्री को बस्तर में बाढ़ की स्थिति और अब तक किए गए राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों को अतिरिक्त राशन का आवंटन भी कर दिया गया है और सामग्री प्रभावित परिवारों तक पहुंचाई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि साय ने चारों जिलों के जिलाधिकारियों से सीधे संवाद कर उनके क्षेत्रों में चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी ली। जिलाधिकारियों ने बताया कि अब अधिकांश बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है तथा स्थिति नियंत्रण में है। राजस्व मंत्री वर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि बस्तर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, लेकिन बुधवार रात बारिश थम गई जिसके बाद स्थिति सामान्य होने लगी है। उन्होंने बताया, ”बीजापुर और दंतेवाड़ा मार्ग खुल गया है। जगदलपुर और सुकमा के बीच छिंदगढ़ के पास बाढ़ के कारण पुलिया से वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है, लेकिन आज रात तक इसके बहाल होने की संभावना है। सुकमा-कोंटा मार्ग भी पुलिया पर जलस्तर कम होने के बाद खोल दिया जाएगा।