छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के पुलिस अधीक्षकों से कहा कि पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए, जिससे अपराधियों में कानून का भय और आम नागरिकों में सुरक्षा का अहसास हो। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय सोमवार को जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति, मादक पदार्थ नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, साइबर अपराधों की रोकथाम और प्रशासनिक समन्वय को सुदृढ़ करने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
साय ने कहा, “जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दोनों की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण है। जिन जिलों में दोनों के बीच समन्वय मजबूत है, वहां बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था के मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई को प्रशासनिक उदासीनता माना जाएगा और ऐसे मामलों में कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सड़कों पर अव्यवस्था फैलाने, चाकूबाजी और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर कोई नरमी नहीं बरती जाए। साय ने गौ-तस्करी और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मामलों पर सघन निगरानी रखने और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिन जिलों ने अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय सुधार किया है, उनके अनुभवों को अन्य जिलों में मॉडल के रूप में लागू किया जाए। साय ने नशाखोरी और मादक पदार्थों की तस्करी पर सख्त रुख अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशा अपराधों की जड़ है, और इसे समाप्त करना ही कानून-व्यवस्था सुधार की पहली शर्त है। मुख्यमंत्री ने एनकॉर्ड (एनसीओआरडी) के तहत राज्यव्यापी अभियान चलाने, सीमावर्ती जिलों में तस्करी पर रोक लगाने और एनडीपीएस एक्ट के तहत समय-सीमा में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में घुसपैठियों की पहचान और नियंत्रण के लिए विशेष कार्य बल (एसटीएफ) गठित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिया कि सीमावर्ती जिलों में सघन जांच की जाए और संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, “योजनाओं की सफलता केवल नीतियों पर नहीं बल्कि उन्हें लागू करने वाली टीम की पारदर्शिता, संवेदनशीलता और जवाबदेही पर निर्भर करती है। यही भावनात्मक और प्रशासनिक समन्वय “विकसित छत्तीसगढ़” को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।” अधिकारियों ने बताया कि बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।