छत्तीसगढ़ में मार्च 2026 की समय सीमा से पहले नक्सलवाद खत्म हो जाने की है संभावना: साय

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छत्तीसगढ़ में केंद्र द्वारा निर्धारित की गयी मार्च 2026 की समय सीमा से पहले ही नक्सलवाद के खत्म हो जाने की संभावना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को गुजरात के उद्योगपतियों से बिना किसी डर के राज्य में निवेश करने की अपील की। गुजरात शिखर सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन यहां ‘छत्तीसगढ़ निवेशक कनेक्ट’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साय ने कहा कि नक्सलवाद ने विपुल संभावनाओं वाले खनिज समृद्ध राज्य (छत्तीसगढ़) में औद्योगिक विकास को अवरुद्ध कर दिया है। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में साय ने बताया कि गुजरात की आठ कंपनियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के साथ राज्य में 33,000 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

निवेशकों को संबोधित करते हुए साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ नक्सलवाद के कारण पीछे रह गया। साय ने अपने संबोधन में कहा, ”छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है और वहां औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। हालांकि, नक्सलवाद के कारण विकास रुका हुआ है। जनवरी 2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है।” उन्होंने कहा, ”हम अपने मिशन में कामयाब हो रहे हैं और हमने हाल में कई प्रमुख माओवादियों को भी मार गिराया गया है। मुझे लगता है कि केंद्र द्वारा तय समय सीमा से पहले ही नक्सलवाद खत्म हो सकता है। मैं गुजरात के निवेशकों से छत्तीसगढ़ में अपना कारोबार शुरू करने की अपील करता हूं। हमारा उद्योग विभाग आपको हर संभव मदद देगा।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को पिछले 10 महीनों में सात लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं और निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न राज्यों में ऐसे आयोजन किए जा रहे हैं। साय ने पत्रकारों से कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में नक्सलवाद सबसे बड़ी बाधा थी और अब गुजरात के बेटे शाह एवं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस पर ध्यान दिया जा रहा है। साय ने कहा, ”हमें विश्वास है कि नक्सलवाद के खात्मे के बाद छत्तीसगढ़ नई ऊंचाइयों को छुएगा। हमारी पुनर्वास नीति की बदौलत कई नक्सलियों ने हथियार छोड़ दिए हैं। हम बदले में उन्हें नकद राशि, जमीन और घर मुहैया कराते हैं। गांवों को पानी, बिजली और राशन जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं।