छत्तीसगढ़ में पिछले 16 दिन में राज्य के सीमावर्ती जिलों से अवैध रूप से लाए गए 19 हजार क्विंटल से अधिक धान जब्त किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीद शुरू होने से पहले ही अवैध तरीके से आने वाले धान पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। एक नवंबर से 16 नवंबर के बीच कुल 19,320 क्विंटल धान जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) ने अवैध परिवहन के माध्यम से अन्य राज्यों से आने वाले धान को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में जांच चौकी स्थापित की हैं और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यबल भी गठित किया है।
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही मार्कफेड के ‘इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर’ के जरिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था की लगातार निगरानी की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, मार्कफेड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक एक से 16 नवंबर के बीच सबसे अधिक धान महासमुंद जिले में जब्त किया गया है, जहां 4,266 क्विंटल धान पकड़ा गया। वहीं, सबसे कम 27 क्विंटल धान मोहला-मानपुर-चौकी जिले में जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि धान खरीदी व्यवस्था में किसी भी तरह की अनियमितता और अवैध गतिविधि को हर स्तर पर कतई बदार्शत नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस) के तहत रोका जाएगा।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि धान खरीदी को पारदर्शी बनाने के लिए ‘इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर’ के माध्यम से वास्तविक समय में निगरानी की जा रही है। साथ ही पुलिस और जिला प्रशासन भी अवैध परिवहन पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 में किसानों से 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी करने का निर्णय लिया है। इस अवधि में करीब 25 लाख किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तक 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा जाएगा।





