छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को राज्य की राजधानी रायपुर और महासमुंद जिले में एक साथ कार्रवाई करते हुए नौ ठिकानों पर छापे मारे। ईडी की इस कार्रवाई के बाद प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। ईडी की छापेमारी को लेकर राज्य सरकार के मंत्री टंकराम वर्मा ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वर्मा के अनुसार मामले की निगरानी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं और शेष लंबित रिपोर्ट भी मंगाई जा रही हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार को रोकने के उद्देश्य से विधानसभा में विधेयक लाया गया है।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां केवल सीमित स्तर पर कार्रवाई कर रही हैं और बड़े आरोपित जांच के दायरे से बाहर हैं। बैज ने कहा कि भारतमाला मुआवजा और शराब घोटाले से जुड़े मामलों में प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ रहे हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को औपचारिकता बताते हुए नष्पिक्ष जांच की मांग की। ईडी के अनुसार, आज सुबह रायपुर में हरमीत खनूजा तथा महासमुंद में कारोबारी जसबीर सिंह बग्गा के आवास सहित अन्य ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान एजेंसी की सात अलग-अलग टीमों ने दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच की। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र संबंधित स्थानों पर पुलिस बल तैनात रहा। फिलहाल ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासा होने की संभावना जतायी गयी है।





