छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में छह हजार करोड़ रूपए के चिटफंड घोटाले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)से जांच की मांग की हैं। सीएम बघेल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रमन सरकार के कार्यकाल में छह हजार करोड़ रूपए से ज्यादा चिंडफंड कम्पनियों ने आम निवेशकों से लूट लिया। पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिजनों ने इन कम्पनियों के तमाम कार्यक्रमों में शिरकत की और एक तरह से ब्रांड एम्बेसडर के रूप काम किया। उन्होने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद जब इन कम्पनियों की परिसम्पत्तियों का पता लगवाया गया तो महज 40 करोड़ रूपए की ही मिली।
उन्होने कहा कि इससे साफ हैं कि मनी लान्ड्रिग हुई है। यह गंभीर मामला है और इसकी जांच ईडी को करना चाहिए। उन्होने इसके साथ ही सवाल किया कि क्या डा.सिंह इसके लिए तैयार हैं। उन्होने न्यूज एंकर की न्यायालय से वारंट होने के बावजूद गिरफ्तारी से बचाने पर उ.प्र. पुलिस की कड़ी आलोचना की और कहा कि भाजपा की सरकारों के लिए अदालतों का आदेश मायने नही रखता। उन्होने कहा कि नूपुर शर्मा मामले में उच्चतम न्यायलय की टिप्पणियों के बाद जिस तरह से भाजपा एवं उनके अनुवांशिक संगठनों ने हाय तौबा मचाया हैं, उससे साफ है कि इनकी मंशा संविधान एवं न्यायालय को कमजोर करने की हैं।
सीएम बघेल ने रसोई गैस की कीमतों में हुई व़ृद्दि के लिए मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये वोट किसी और मुद्दे पर मांगते है और सत्ता में आने के बाद आम जनता की जन्दिगी में हर तरफ से मुश्किल पैदा करने की कोशिश करते है। उन्होने कहा कि सरकार ट्रेन नही चला पा रही है, एयरपोर्ट चला नही पा रही है और नीलाम कर रही है किसानों को खाद और उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दे नही पा रही है और अब नौजवानों को ठगने के लिए उन्हे अग्निवीर बनाने जा रही है।