छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ शिविर पर हमला: 17 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

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राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2024 में छत्तीसगढ़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उग्रवादियों द्वारा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर पर हमला किए जाने के मामले में 17 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है, उनमें से 16 फरार हैं और गिरफ्तार आरोपी की पहचान सोदी बामन उर्फ देवल के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि फरार आरोपियों में भाकपा(माओवादी) की केंद्रीय समिति और विशेष क्षेत्रीय/राज्य समिति के दो-दो सदस्य और ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी’ (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1′, तेलंगाना राज्य समिति और भाकपा (माओवादी) की पामेड क्षेत्र समिति के अन्य शीर्ष कैडर शामिल हैं।

पीजीएलए, भाकपा (माओवादी) की सशस्त्र शाखा है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। मामला 16 जनवरी 2024 को बीजापुर जिले के धर्मावरम में सीआरपीएफ के नए शिविर और चिंतावागु एवं पामेड में दो निकटवर्ती सीआरपीएफ/कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजॉल्यूट एक्शन) शिविरों पर हुए हमले से संबंधित है।

बयान में कहा गया कि स्वचालित हथियारों और बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) से लैस हमलावरों ने शिविरों से सुरक्षाबलों के हथियार और अन्य सामान लूटने का प्रयास किया। इसमें कहा गया, ”17 दिसंबर 2023 को स्थापित किए गए धर्मावरम सीआरपीएफ शिविर पर किए गए हमले में 12 जवान घायल हो गए थे।” बयान में कहा गया कि एनआईए ने नौ फरवरी 2024 को स्थानीय पुलिस से मामला अपने हाथ में लिया और प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के 21 नामजद और 250-300 अज्ञात हथियारबंद कैडर के खिलाफ मामला दर्ज किया। संघीय एजेंसी ने कहा कि जांच से पता चला है कि आरोपी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश के तहत युवाओं की भर्ती में शामिल थे।