भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की कठपुतली मात्र है और उसके सभी फैसले अब्दुल्लाओं के घर में लिए जाते हैं। यह बयान कांग्रेस द्वारा शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों के उपचुनाव से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने के ऐलान के बाद आया है। पत्रकारों से बात करते हुए यहां भाजपा विधायक और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) सुनील शर्मा ने कहा, कांग्रेस वही करती है जो वे (अब्दुल्ला) चाहते हैं। यहां उसके पदाधिकारी केवल वही करेंगे जो अब्दुल्लाओं के निवास में तय होता है, जिसकी मंजूरी दिल्ली से आती है। विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस एक स्वतंत्र राजनीतिक दल नहीं है और उसका नेकां को समर्थन पूर्ण रूप से अपेक्षित” था।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह से पीडीपी और नेकां ने इस चुनाव को मिलकर लड़ने की घोषणा की है, उससे यह स्पष्ट है कि “ये दोनों परिवार किसी भी आम नागरिक को राजनीति और सत्ता में जगह नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में विशेषकर कश्मीर में केवल दो परिवार ही अपनी राजनीति जारी रखना चाहते हैं। वे नहीं चाहेंगे कि उनके परिवारों से बाहर किसी को सत्ता मिले। विपक्ष के नेता ने कहा कि ये परिवार तब एकजुट होते हैं जब उन्हें महसूस होता है कि वे किसी खतरे का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, वे बहुत चतुर हैं और उन्होंने कल अपनी वह होशियारी दिखा दी। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यसभा चुनाव में किसी के मतदान से दूर रहने से भाजपा को इसका लाभ होगा?
शर्मा ने कहा, “यह आप तय करें, आप विश्लेषण करें कि किसे फायदा होगा। उन्होंने कहा, हम अपना लक्ष्य हर हाल में हासिल करेंगे। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पार्टी ने नेकां का समर्थन करने का फैसला किया है और “चुनौतियों के इस अत्यंत महत्वपूर्ण समय में पार्टी सभी मतभेदों को दरकिनार रखेगी।” कांग्रेस के एक बयान में कहा गया है कि पार्टी ने नेकां के साथ रहने का फैसला “मुख्य रूप से और अनिवार्य रूप से भाजपा के अत्याचार और दमन के एजेंडा के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने” के लिए किया है।





