रायपुर। छत्तीसगढ़ की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कांग्रेस सरकार पर विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। पार्टी ने शनिवार को इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय पहुंचा और इस संबंध में शिकायत दर्ज कराया।
शिकायत दर्ज कराने के बाद रायपुर में सीईओ कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव सह प्रभारी मांडविया ने कहा कि भाजपा को राज्य भर से शिकायतें मिल रही हैं कि राज्य सरकार के अधिकारी पार्टी कार्यकर्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहे हैं। मांडविया ने कहा, विभिन्न स्थानों पर अधिकारी चुनाव को प्रभावित करने के लिए भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है। भाजपा की प्रचार सामग्री और झंडे लगे वाहनों को बेवजह रोका जा रहा है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र में व्यक्ति किसी को भी वोट दे सकता है और किसी भी पार्टी के लिए प्रचार करना हर नागरिक का अधिकार है। कोई भी राजनीतिक दल संबंधित व्यक्ति की अनुमति से किसी के भी घर पर झंडा लगा सकता है। यहां तक कि जिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने घरों में पार्टी के झंडे लगाए हैं, उन्हें भी परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। हत्या की खुलेआम सार्वजनिक रूप से (भाजपा नेताओं को निशाना बनाने की) चुनौती दी जा रही है। ऐसी हरकतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता का कथित तौर पर उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना जरूरी है और इसलिए हमने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी बात रखी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, भाजपा ने अब तक विभिन्न मुद्दों पर कार्रवाई की मांग करते हुए चुनाव आयोग के समक्ष 58 आवेदन पेश किया है, उम्मीद है कि उन पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को दबाव में काम नहीं करने और लोकशाही प्रक्रिया का पालन करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, यदि हमारी शिकायतों का समाधान नहीं होता है तो हम राष्ट्रीय चुनाव आयोग में जाएंगे और शिकायत करेंगे। यह तय करेंगे कि छत्तीसगढ़ की जनता निष्पक्ष रूप से किसी के भय में न आकर अपने वोट का उपयोग करके अपनी पसंद की सरकार चुने। इस दौरान रायपुर के सांसद सुनील सोनी, निर्वाचन समिति के संयोजक विजय शंकर मिश्रा, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, प्रदेश मीडिया सहप्रभारी अनुराग अग्रवाल भी मौजूद थे। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।