रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने कार्यकर्ता की हत्या की जांच से अगर संतुष्ट नहीं है तो राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से संपर्क कर सकती है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के औंधी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सरखेड़ा गांव में 20 अक्टूबर को संदिग्ध नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता बिरजू तारम की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य की मुख्य विपक्षी भाजपा ने इस घटना को ‘लक्ष्य बनाकर की गई हत्या’ करार दिया है। भाजपा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने रायपुर में संवाददाताओं से कहा, पिछले समय आरोप लगाए थे कि भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। मैने चिट्ठी भी लिखा कि एनआईए से जांच करवा लिजिए। एनआईए को किसी की सिफारिश की भी जरूरत नहीं पड़ती है। भीमा मंडावी जी (भाजपा विधायक) की हत्या हुई थी (अप्रैल 2019 में नक्सली हमले में) तब क्या किए थे। छत्तीसगढ़ की पुलिस जांच कर रही थी और यह एनआईए भेज दिए।
उन्होंने कहा, भाजपा ने आरोप लगाए कि हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। तब मैंने भाजपा के साथियों को कहा कि संतुष्टि के लिए भारत सरकार के एनआईए से जांच करवा लें। उन्होंने कहा, यदि यह लोग (भाजपा) कहते कि मोहला मानपुर में जो घटना घटी है और उसमें ‘टारगेट किलिंग’ है तो एनआईए से जांच कराने से रोका कौन है। जैसे ईडी(प्रवर्तन निदेशालय), आईटी (आयकर विभाग) घूम रहे हैं वैसे एनआईए भी आ जाए। राजनीति न करे। जो तथ्य है उस हिसाब से जांच होनी चाहिए। सच्चाई सामने आनी चाहिए। जांच चाहे छत्तीसगढ़ की सरकार करे, यहां की पुलिस करे या एनआईए करे।
राज्य में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव सोमवार को सरखेड़ा गांव में तारम के घर के पहुंचे और कहा कि यह घटना न केवल एक लक्षित हत्या है बल्कि सत्ता हासिल करने के लिए एक राजनीतिक हत्या है। साव ने तारम की हत्या को टारगेट किलिंग और सत्ता पाने के लिए की गई राजनीतिक हत्या बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, लेकिन प्रदेश सरकार राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के हिंसक होने पर खामोश बैठी है। भाजपा पूरी ताकत के साथ तारम के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। साव ने कहा, परिजनों द्वारा लगातार प्रशासन को बिरजू तारम की जान को उत्पन्न खतरों के प्रति आगाह करते रहने के बावजूद प्रशासन की ओर से न तो उनकी सुरक्षा के उपाय किए गए और न ही आवश्यक कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा, जिस योजनाबद्ध तरीके से तारम की हत्या हुई है, यह न केवल लक्षित हत्या है अपितु यह सत्ता प्राप्ति के लिए राजनीतिक हत्या भी है। राज्य सरकार भाजपा के पदाधिकारियों की लगातार हो रही लक्षित हत्या को नहीं रोक पा रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार जनता से डरी हुई है, घबराई हुई है। इसलिए सत्तालोलुपता के चलते राज्य सरकार की शह पर भाजपा के पदाधिकारियों की लक्षित हत्या हो रही है। साव ने कहा, सत्ता के लिए राजनीतिक हत्याएं कांग्रेस का इतिहास रहा है। लगातार राजनीतिक हत्याओं का पाप कांग्रेस पर रहा है। छत्तीसगढ़ में भी लगातार राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं, चाहे तारम की हत्या हो या इससे पहले बस्तर में जो घटनाएं हुईं, वह सब लक्षित हत्याएं हैं, राजनीतिक हत्याएं हैं। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की जनता किसी भी कीमत पर ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं करेगी जो छत्तीसगढ़ की शांत फिजा को रक्तरंजित करने में लगे हुए हैं।
प्रदेश की जनता ऐसी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित हो चुकी है।छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। रायपुर लोकसभा से भाजपा सांसद सुनील सोनी ने सोमवार को बताया कि भाजपा ने तारम और अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में नक्सल प्रभावित इलाकों के संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की भी मांग की है। सोनी ने कहा कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को हटाने और संबंधित रेंज के पुलिस महानिरीक्षक तथा मोहला-मानपुर जिले के पुलिस अधीक्षक के तबादले की भी मांग की है।