हमें छत्तीसगढ़ को भी विकसित राज्य बनाना है : साय

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है, जिसमें हमें छत्तीसगढ़ को भी विकसित राज्य बनाना है। साय नवा रायपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईएम) में दो दिवसीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन संवाददाताओं से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ”कल से लगातार विभिन्न विषयों पर सत्र चला। देश भर से विद्वानजनों का यहां पर आना हुआ एवं सभी ने अपने विचार रखे।” उन्होंने कहा, ”छत्तीसगढ़ में खनिज एवं वन संपदा का भंडार है, यहां कि मिट्टी उर्वरा शक्ति से भरपूर है। गुड गवर्नेंस के माध्यम से हम हमारे प्रदेश को विकास की दृष्टि से बहुत आगे ले जा सकते हैं। प्रधानमंत्री जी का 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प है, जिसमें छत्तीसगढ़ को भी हमें विकसित प्रदेश बनाना है।” साय ने कहा, ”यहां जो विद्वानजन आये हैं, उन्होंने आज छत्तीसगढ़ की स्थिति क्या है और इसे आगे कैसे ले जा सकते हैं उस पर अपना वक्तव्य दिया। हम लोगों ने भी सबको सुना और समझा है।

ये चिंतन शिविर विकसित छत्तीसगढ़ के हमारे विजन में बहुत ही कारगर साबित होगा।” राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नवा रायपुर स्थित आईआईएम में पिछले दो दिनों के दौरान सुशासन और विकास को लेकर राज्य सरकार ने देश के जाने-माने विशेषज्ञों के साथ विकसित छत्तीसगढ़ का रोड मैप तैयार करने के लिए मंथन किया। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को शुरू हुए चिंतन शिविर का आज समापन हुआ। उन्होंने बताया कि राज्य के मंत्रियों को प्रबंधन की बारिकियां समझाने, सहयोग, नवाचार और दूरदर्शिता को बढ़ावा देने, राज्य के समृद्ध और समावेशी भविष्य के लिए आवश्यक सुधारों के बारे में विचार-विमर्श करने तथा विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों की अंतर्दृष्टि को परिष्कृत करने के लिए बीते दो दिनों तक चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि देश में संभवतः पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी चिंतन-शिविर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने राजनीतिक रणनीति के बजाय दायित्वों के निर्वहन के लिए रणनीति पर गहन मंथन किया है। उन्होंने बताया कि राज्य की विष्णु देव साय सरकार की पहल पर आईआईएम ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमें मुख्यमंत्री साय और मंत्रिमंडल के उनके सहयोगियों ने सुशासन के संबंध में विषय विशेषज्ञों के साथ अपने विचार साझा किए।

साथ ही अपनी जिज्ञासाएं भी रखी। अधिकारियों ने बताया कि आईआईएम के इस आयोजन में राज्य सरकार ने देशभर के विषय विशेषज्ञों के साथ विकसित छत्तीसगढ़ की डिजाईन तथा क्रियान्वयन के रोड मैप पर बौद्धिक विमर्श किया। साथ ही इस संबंध में भी विमर्श हुआ कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए किस तरह विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने आगामी 10 सा में विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 10 साल में देश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई दी है। सामाजिक-आर्थिक विकास को लेकर छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में छत्तीसगढ़ महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी 20 के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सुन्दरता भी है और प्रचुर खनिज संपदा भी। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए खनिजों का विवेकपूर्ण दोहन जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण यहां पर पर्यटन की संभावनाओं का विकास और उसकी ब्रांडिंग भी है। आयोजन में मुख्यमंत्री साय के साथ उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा तथा उनके मंत्रिमंडल के सदस्य मौजूद थे।

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