छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के दौरे पर आए केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बहस की दी गई चुनौती को स्वीकारते हुए कहा हैं कि वह जहां भी जिस मंच पर आना चाहे, हमारा कोई भी कार्यकर्ता इसके लिए तैयार है। सीएम बघेल ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि 10 वर्ष केन्द्र में यूपीए सरकार सत्ता में थी जबकि इनको भी 10 वर्ष होने वाले है। फसलों की एमएसपी कितने प्रतिशत यूपीए सरकार में बढ़ी और कितने प्रतिशत इनके कार्यकाल में, इस पर निश्चित रूप से बहस की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि धान पर इस बार एमएसपी 143 रुपये बढ़ी है, जबकि इस दौरान खाद, कीटनाशक, कृषि यंत्र, डीजल और मजदूरी कितने प्रतिशत बढ़ी है। इससे फिर स्पष्ट हुआ है कि मोदी सरकार किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही निर्णय लिया हैं कि एमएसपी जितनी बढ़ेगी, उतनी राशि मौजूदा समय में दी जा रही राशि में इजाफा कर किसानों को दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राजीव न्याय योजना समेत किसानों के हित में शुरू की गई योजनाओं से राज्य में खेती के प्रति आकर्षण बढ़ा है। इस दौरान धान बेचने वाले किसानों की संख्या दोगुनी हो गई और रकबा तथा उत्पादन में भारी इजाफा हुआ है।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री सिंह के राज्य में धर्मान्तरण बढ़ने के आरोपों पर कहा कि राज्य में जबरिया धर्मान्तरण के लिए कानून लागू है और जहां भी इसकी शिकायतों मिली है वहां पर प्रशासन ने तत्परता से कार्रवाई भी की है, लेकिन तमाम ऐसी शिकायतों भी मिली, जोकि जांच के बाद फर्जी पाई गई। उन्होंने दावा किया कि आदिवासी बस्तर अंचल में सबसे अधिक चर्च भाजपा के लगातार 15 वर्षों के शासनकाल में बने है। कोई पूजा स्थल तभी बनेगा जबकि वहां उस धर्म को मानने वाले होंगे।