छत्तीसगढ़ की बेटी अंकिता ने 15 अगस्त पर यूरोप के सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर फहराया तिरंगा

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छत्तीसगढ़ की बेटी अंकिता गुप्ता ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के गौरवशाली अवसर पर यूरोपीय महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिया तिरंगा फहराया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूरोप जाने से पहले विगत 3 अगस्त को युवा पर्वतारोही सुश्री अंकिता को अपने निवास में राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया था। मुख्यमंत्री बघेल और मंत्री मोहम्मद अकबर ने अंकिता गुप्ता को इस सफलता पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। अंकिता गुप्ता मूलतः कवर्धा की रहने वाली है। वर्तमान में वह कबीरधाम जिले में पुलिस विभाग के अंतर्गत आरक्षक के पद पर कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा सुश्री अंकिता को यूरोप में पर्वतारोहण में शामिल होने के लिए पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है।

यूरोपीय महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस (पश्चिम) की ऊँचाई 5642 मीटर यानी 18,510 फिट है, यहां का तापमान माईनस 25 से माईनस 30 डिग्री सेल्सियस तक और हवा की गति 45 से 50 किलोमीटर तक रहती है। इन विषम परिस्थितियों में भी 15 अगस्त की सुबह 5 बजकर 43 मिनट में तिरंगा लहराकर सुश्री अंकिता ने आजादी के 76वीं वर्षगांठ को और यादगार बना दिया। चोटी पर पहुंचकर अंकिता ने राज्य सरकार के न्याय एवं सशक्तिकरण के छत्तीसगढ़ मॉडल को प्रदर्शित किया। इसके बाद उन्होंने दूसरे ही दिन 16 अगस्त को यूरोप महाद्वीप में स्थित 5621 मीटर ऊंचे माउंट एलब्रुस (पूर्व) पर्वत पर सुबह 4 बजकर 23 मिनट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। अंकिता गुप्ता ने कहा कि यह सफलता मेरे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व शहीदों को समर्पित है।

उन्होंने आर्थिम मदद के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के प्रेम व आशीर्वाद से सब सम्भव हुआ है। उन्होंने बताया कि विगत जनवरी माह में माइनस 39 डिग्री सेल्सियस पर लेह लद्दाख के यूटी कांगड़ी की 6080 मीटर ऊंची चोटी फतेह की थी। उनका लक्ष्य अब सातों महाद्वीपो के चोटी में तिरंगा फहराकर देश का मान सम्मान बढ़ाना है। अंकिता ने मंत्री मोहम्मद अकबर के प्रति आभार प्रकट करते हुए बताया कि पर्वतारोहण की प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए उसने कैबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के माध्यम से मुख्यमंत्री बघेल को स्वेच्छाअनुदान मद से पांच लाख रूपए की मांग की थी। अकबर ने छत्तीसगढ़ तथा राष्ट्र गौरव को विशेष ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बघेल से उनके आवेदन पर शीघ्रता से विचार करते हुए राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया था।

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