छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत अब स्कूली बच्चों को मोटे अनाज से बने भोजन दिए जाएंगे। एक सरकारी अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मध्याह्न भोजन योजना में मोटे अनाज को शामिल करने का प्रस्ताव दिया था जिसे अब मंजूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा, मैं केंद्र सरकार को शुक्रिया अदा करता हूं। अब राज्य के 12 जिलों में स्कूली बच्चों को सोया चिक्की की जगह सप्ताह में चार दिन मोटे अनाज पर आधारित भोजन दिए जाएंगे।
अधिकारी ने कहा कि राज्य लोक निर्देश निदेशालय ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत सोया चिक्की की जगह मोटे अनाज के उत्पाद वितरित करने के बारे में केंद्र को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहा कि अब मोटे अनाज आधारित खाद्य उत्पादों को राज्य के 12 जिलों में स्कूलों में हफ्ते में चार दिन वितरित किए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों को कुदो, कुटकी और रागी जैसे मोटे अनाजों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिन्हें समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है।