छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि लगभग 650 गांवों को वामपंथी उग्रवाद के चंगुल से मुक्त कराया गया है और उनकी सरकार के दौरान नक्सली संगठन में होने वाली भर्ती में गिरावट आई है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार की विश्वास, विकास और सुरक्षा की त्रिस्तरीय रणनीति ने नक्सली गतिविधियों को काफी हद तक कम करने में मदद की है। बघेल न्यू सर्किट हाउस में राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति और विकास कार्यों की समीक्षा के लिए एकीकृत कमान की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। बघेल ने संवाददाताओं से कहा, विश्वास, विकास और सुरक्षा की रणनीति के सफल परिणाम आने लगे हैं और नक्सली गतिविधियों में काफी हद तक कमी आई है।
उन्होंने कहा, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 75 नए शिविर स्थापित किए गए हैं। पूर्व में शिविर केवल बफर जोन में स्थापित किए जाते थे लेकिन अब हम नक्सलियों के मुख्य क्षेत्रों में घुसकर वहां शिविर स्थापित कर रहे हैं। अकेले सुकमा (राज्य का सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिला) में 23 शिविर स्थापित किए गए हैं। बघेल ने कहा, पहली बार अबूझमाड़ क्षेत्र के वनवासियों को भूमि का मालिकाना हक दिया गया, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों को फिर से खोला गया, 2500 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया गया, इंद्रावती नदी पर दो पुलों सहित लगभग 36 नए पुल बनाए गए और हाट बाजार मोबाइल क्लिनिक योजना शुरू की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों के परिणामस्वरूप आदिवासियों की आय और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई और स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं में सुधार हुआ। बघेल ने कहा कि बस्तर बदल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले आदिवासी और वनवासी पुलिस और वन कर्मियों को अपना दुश्मन मानते थे, लेकिन अब वे उन्हें अपना मित्र मानते हैं। यह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शुरू किए गए विकास कार्यों के कारण संभव हो सका है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 650 गांवों को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया गया है। अब नक्सली संगठन में भर्ती में गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा कि सभी विकास कार्यों को जारी रखने के लिए एकीकृत कमान की बैठक के दौरान चर्चा की गई। बघेल ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दल के नेताओं की यात्रा को देखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। बस्तर क्षेत्र में निशाना बनाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)नेताओं की हत्या को लेकर पार्टी के आरोपों से संबंधित एक सवाल पर बघेल ने कि वह पहले ही कह चुके हैं कि यदि भाजपा को राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है तो वह अपने नेताओं की हत्या की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से संपर्क कर सकते हैं। बस्तर क्षेत्र में इस वर्ष अब तक अलग-अलग घटनाओं में संदिग्ध माओवादियों ने चार भाजपा नेताओं की हत्या कर दी है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, वरिष्ठ पुलिस एवं अर्धसैनिक बल के अधिकारी तथा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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