छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अगले वत्ति वर्ष के बजट में गांव,गरीब और किसानों के साथ अन्य वर्गों को और राहत देने का साफ संकेत देते हुए कहा कि उनकी सरकार चार वर्षों के शासनकाल में जनता से किए 80 प्रतिशत चुनावी वादे पूरा कर चुकी हैं। सीएम बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान यूनीवार्ता से विशेष बातचीत में कहा कि उनकी सरकार ने लोगो को सीधे लाभान्वित करने वाली कई योजनाओं को शुरू किया जोकि उनके चुनावी वादे में शामिल नही थी। उन्होने कहा कि अभी उनके पास समय हैं, और आगामी वत्ति वर्ष का बजट है,जहां राहत देने की जरूरत महसूस होगी और जो भी मंजूरी देनी होगी,वह करेंगे। वह घोषणाएं ही नही बल्कि बजटीय प्रावधान भी करेंगे।
उन्होने कहा कि बेरोजगारी पर अंकुश और महंगाई के प्रभाव को कम करने के साथ ही लोगो को सीधे लाभान्वित करने वाली जनकल्याणकारी योजनाओं से लोगो के जीवन में परिवर्तन लाना उनकी सरकार की चार वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि हैं। उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही कोशिश किया कि आम लोगो की आय में इजाफा हो और खेती किसानी के प्रति उदासीन रवैये में परिवर्तन हो। उन्होंने चुनावी वादे के मुताबिक 2500 रुपये में समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की और जब केन्द्र ने निर्धारित खरीद राशि पर अतिरिक्त राशि देने पर बखेड़ा शुरू किया तो राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की।
किसान न्याय योजना को राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में गेम चेंजर बताते हुए सीएम बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना, ग्रामीण भूमिहीन श्रमिक न्याय योजना और लघु वन उपज संग्रहण के जरिए चार वर्षों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों को बैंक खातों में स्थानान्तरित किए गए है। उन्होंने कहा कि यह सभी योजनाएं लागू करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य हैं, और यह देश के लिए रोल माडल भी हैं। सीएम बघेल ने कहा कि 26 लाख किसान, 13 लाख लघु वन उपज संग्रहणकर्ता, तीन लाख गोबर विक्रेताओं, पौने पांच लाख भूमिहीनों को जहां सरकार ने सीधे बैंक खातों में राशि स्थानान्तरित कर लाभान्वित किया, वहीं 66 लाख परिवारों को राशन और 42 लाख परिवारों को घरेलू बिजली और पांच लाख 60 हजार सिंचाई पम्पों को मुफ्त बिजली दे रहे हैं। इससे लोगो के जीवन में परिवर्तन आया है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ हैं।
उन्होंने नगरीय क्षेत्रों की उपेक्षा को बकवास बताते हुए कहा कि शहरों पर भी उनकी सरकार का पूरा फोकस हैं। वहां भूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के काम जारी हैं। तीन बार राज्य को स्वच्छता का पुरस्कार भारत सरकार से प्राप्त हुआ है। बिजली बिल हाफ, राशन जैसी योजनाएं शहरों में भी चल रही है और व्यापारियों को बहुत सारी सुविधाएं एवं राहत, रियल स्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन के साथ ही बहुत सारे निर्माण कार्य शहरों में जारी हैं। उन्होने कहा कि गांवों में जो पैसा सरकार लोगो को सीधे दे रही है,वह भी तो शहरों में ही आ रहा है और उससे व्यवसाय फल फूल रहा हैं। सीएम बघेल ने अपनी सरकार पर लगातार कर्ज लेने के मुख्य विपक्षी दल के लगाए जा रहे आरोपों को खारिज करते हुए कहा यह महज दुष्प्रचार है। उन्होने कहा कि दिसम्बर माह बीत रहा है, इस वित्त वर्ष में सरकार ने एक भी पैसे का कर्ज नही लिया है, जबकि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश ने वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही कर्ज लेना शुरू कर दिया।
राज्य में नक्सल घटनाओं में कमी के बारे में पूछे जाने पर सीएम बघेल ने इसे सुखद संकेत बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जल, जंगल और जमीन को लेकर लोगों को अधिकार सम्पन्न बनाया। पैसा कानून के नियम बनाए और लागू किया, शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाया, रोजगारमूलक कार्य शुरू किए गए। पढ़ाई, इलाज, मुफ्त बिजली, राशन कार्ड, मनरेगा के काम और चार हजार रुपये मानक बोरा तेदूपत्ता की खरीद हो रही है, जिससे युवाओं को काम मिल रहा है जिससे नक्सली भर्ती रुक गई है और जो भ्रमित होकर नक्सली बन गए वह भी मुख्य धारा में लौट रहे हैं।
उन्होने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर इसे बेहद सफल बताया। उन्होने कहा कि इसके जरिए सीधे लोगो के बीच में जाकर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत का पता चल रहा है। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम में अधिकारी एवं जनता दोनो रहते है और जहां कोई कमी दिखाई पड़ती है उसे दूर करने के भी नर्दिेश दिए जाते है। क्षेत्रीय जरूरतों को समझ कर विकास कार्यों को भी मंजूरी दी जाती है। जन शिकायतों पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। उन्होने कहा कि यह कार्यक्रम अनवरत जारी रहेगा।