लंदन की शिक्षाविद् को वापस भेजना स्वतंत्र सोच के प्रति मोदी सरकार की शत्रुता का उदाहरण: कांग्रेस

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कांग्रेस ने लंदन में कार्यरत शिक्षाविद् फ्रांसेस्का ओरसिनी को वीज़ा शर्तों के कथित उल्लंघन के कारण दिल्ली हवाई अड्डे से वापस भेजे जाने के कुछ दिनों बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि उन्हें देश में प्रवेश से रोकना कोई आव्रजन संबंधी औपचारिकता नहीं है, बल्कि “स्वतंत्र और गंभीर सोच रखने वालों के प्रति मोदी सरकार की शत्रुता की मिसाल” है। गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि हिंदी की विद्वान और ‘स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज’ (एसओएएस) में एमेरिट प्रोफेसर फ्रांसेस्का ओरसिनी को बीते सोमवार को हांगकांग से यहां पहुंचते ही निर्वासित कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि वीजा शर्तों के उल्लंघन के कारण ओरसिनी मार्च 2025 से ‘काली सूची’ में हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि दक्षिण एशियाई साहित्य की इस विद्वान को पांच साल का वैध वीज़ा होने के बावजूद भारत में प्रवेश से वंचित कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘ओरसिनी को देश में आने से रोकने का फैसला आव्रजन औपचारिकता का मामला नहीं है, बल्कि स्वतंत्र, गंभीर सोच वाले विद्वानों के प्रति मोदी सरकार की शत्रुता का प्रतीक है।’