छत्तीसगढ़ में कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के शासकीय विमान से उतरने और एक पुलिस अधिकारी द्वारा उनके पैर छूने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। हालांकि, भाजपा ने पुलिसकर्मी के इस आचरण का बचाव करते हुए इसे ”निजी आस्था” बताया और विपक्षी दल पर सनातन धर्म के विरुद्ध होने का आरोप लगाया। धीरेंद्र शास्त्री राज्य के मंत्री गुरु खुशवंत साहेब के साथ बृहस्पतिवार (25 दिसंबर) को दुर्ग जिले के भिलाई शहर में आयोजित एक धार्मिक प्रवचन में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे थे।
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित इस वीडियो में शास्त्री और मंत्री को विमान से उतरते देखा जा सकता है और वर्दीधारी पुलिस अधिकारी पहले मंत्री को सलाम करते, उसके बाद आगे बढ़कर शास्त्री के पैर छूने से पहले अपनी टोपी व जूते उतारते दिख रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस अधिकारी के आचरण और एक कथावाचक के लिए राज्य के विमान के इस्तेमाल पर सवाल उठने लगे। कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इसकी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि करदाताओं के रुपयों से एक कथावाचक के लिए सरकारी विमान का इस्तेमाल किया गया। कुछ लोगों ने इसे ‘वर्दी की नैतिकता का मजाक’ बताया। हालांकि, कुछ अन्य लोगों ने पुलिस अधिकारी का बचाव करते हुए कहा कि अधिकारी ने पहले मंत्री को सलाम कर अपने कर्तव्य का पालन किया और बाद में कथावाचक के पैर छूकर अपनी ”निजी आस्था” व्यक्त की।
उन्होंने इसे कर्तव्य और भक्ति का संतुलन बताया। इस बीच, कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के मीडिया विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने शनिवार को कहा कि कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री को लाने के लिए शासकीय विमान भेजना राज्य के खजाने का दुरुपयोग है। शुक्ला ने सवाल किया कि सरकार ने किस संवैधानिक हैसियत के आधार पर धीरेंद्र शास्त्री के लिए विमान की व्यवस्था की। उन्होंने इस पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की और आरोप लगाया कि यह ”राज्य के खजाने पर डकैती” के समान है। कांग्रेस नेता ने कहा, ”धीरेंद्र शास्त्री हिंदू समाज या सनातन धर्म के धर्मगुरु नहीं हैं। वह कथावाचक हो सकते हैं, लेकिन न तो वह किसी मान्यता प्राप्त पीठ के पीठाधीश्वर हैं और न ही धर्माचार्य।” उन्होंने आरोप लगाया कि शास्त्री का आचार-विचार, व्यवहार देश की गंगा जमुनी संस्कृति के खिलाफ है।
भगवान हनुमान का उल्लेख करते हुए शुक्ला ने कहा कि हनुमान जी प्रेम, सहिष्णुता, वीरता और क्षमा के प्रतीक हैं। यदि हनुमान जी के नाम पर कथा कहने वाले स्वयं सहिष्णुता नहीं सीख पाए, तो वे श्रोताओं को उनके चरित्र की सही व्याख्या कैसे कर पाएंगे। इस बीच, रायपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कथावाचक को प्रणाम करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है। संबंधित अधिकारी माना बस्ती थाने में प्रभारी के पद पर तैनात हैं। वहीं, भाजपा की ओर से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के मुख्य प्रवक्ता एवं राजनांदगांव से सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि किसी पुलिस अधिकारी द्वारा किसी धार्मिक गुरु को प्रणाम करने पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई पुलिस अधिकारी अपनी निजी आस्था के कारण किसी गुरु को प्रणाम करता है, तो कांग्रेस को इस पर आपत्ति क्यों है। राज्य के विमान के इस्तेमाल पर पांडेय ने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि उसके शासनकाल में किस तरह कुछ तांत्रिकों को हेलीकॉप्टर और विमान इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा सनातन धर्म का विरोध करती रही है, स्टालिन और प्रियंक खरगे सहित उसके नेताओं ने सनातन धर्म की तुलना ”मच्छरों, डेंगू और बीमारी” से करके उसका अपमान किया है। उन्होंने कहा कि ‘सनातन’ का विरोध कांग्रेस पार्टी के खून में है।





