अखिल भारतीय एसआईआर के पहले चरण की अगले सप्ताह शुरुआत कर सकता है निर्वाचन आयोग

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निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के अखिल भारतीय विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के पहले चरण की अगले सप्ताह शुरुआत कर सकता है। इस अभियान की शुरुआत 10 से 15 राज्यों से होगी, जिनमें वे राज्य भी शामिल होंगे जहां अगले साल चुनाव होने वाले हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे और ये सभी उन राज्यों की सूची में में होंगे, जहां मतदाता सूची को शुद्धीकरण किये जाने का काम सबसे पहले शुरू होगा।

अधिकारियों ने बताया कि आयोग एसआईआर के पहले चरण की घोषणा अगले सप्ताह के मध्य में कर सकता है, जिसमें ”10 से 15 राज्य शामिल होंगे।” उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग उन राज्यों में मतदाता सूची के शुद्धीकरण का काम नहीं करेगा जहां स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं या होने वाले हैं, क्योंकि जमीनी स्तर की चुनावी मशीनरी इसमें व्यस्त है और शायद एसआईआर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे राज्यों में एसआईआर बाद के चरणों में आयोजित किया जाएगा। बिहार में मतदाता सूची के शुद्धीकरण का काम पूरा हो गया है, जहां लगभग 7.42 करोड़ नामों वाली अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। बिहार में दो चरणों में, 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी। आयोग एसआईआर लागू करने की रूपरेखा तय करने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ पहले ही दो बैठकें कर चुका है।

कई मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) ने अपने पिछले एसआईआर के बाद प्रकाशित मतदाता सूचियों को अपनी वेबसाइट पर पहले ही डाल दिया है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 2008 की मतदाता सूची है, जब राष्ट्रीय राजधानी में अंतिम गहन पुनरीक्षण हुआ था। उत्तराखंड में, अंतिम एसआईआर 2006 में हुआ था और उस वर्ष की मतदाता सूची अब राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर है। राज्यों में अंतिम एसआईआर का उपयोग निर्वाचन आयोग ठीक उसी तरह से करेगा जैसे बिहार की 2003 की मतदाता सूची का उपयोग उसने गहन पुनरीक्षण के लिए किया था। अधिकांश राज्यों में मतदाता सूची का अंतिम एसआईआर 2002 और 2004 के बीच का है। एसआईआर का प्राथमिक उद्देश्य जन्म स्थान की पड़ताल करके विदेशी अवैध प्रवासियों को छांटना है। यह कदम बांग्लादेश और म्यांमा सहित अन्य देशों के अवैध प्रवासियों पर विभिन्न राज्यों में कार्रवाई के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।