छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के घने जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लगभग 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में तीन महिला नक्सलियों समेत 13 नक्सली मारे गए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबलों की इस सफलता के लिए सराहना करते हुए, इसे राज्य में नक्सल विरोधी अभियान में मिली सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया। बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत लेंड्रा गांव के जंगल में हुई इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने मंगलवार को 10 नक्सलियों के शव बरामद किये थे। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से तीन और शव बरामद किए। सुरक्षा बलों ने बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में अलग-अलग मुठभेड़ों में इस वर्ष कुल 46 नक्सली मार गिराए हैं।
बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि एक अप्रैल को गंगालूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोरचोली-लेंड्रा के जंगलों में पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) की कंपनी नंबर दो के कमांडर वेल्ला, गंगालूर एरिया कमेटी सचिव दिनेश मोड़ियम सहित करीब 100 सशस्त्र नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था। यादव ने बताया कि जब सुरक्षाबल के जवान क्षेत्र के कोरचोली और लेंड्रा गांव के करीब जंगलों में घेराबंदी कर रहे थे तब मंगलवार दो अप्रैल की सुबह करीब 4:45 बजे नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर कई बार गोलीबारी हुई और शाम करीब पांच बजे मुठभेड़ बंद हुई।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ”कार्रवाई के बाद जब इलाके में खोजबीन की गई तब तीन महिलाओं समेत 13 नक्सलियों के शव बरामद किए गए।” यादव ने बताया, ”मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि वे पीएलजीए कंपनी नंबर दो और प्लाटून नंबर 12 के सदस्य हैं।” पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से लाइट मशीन गन और उसकी 58 राउंड गोलियां, एक 303 राइफल और उसकी 39 राउंड गोलियां, एक 12 बोर की बंदूक, तीन बैरल ग्रेनेड लांचर, इसके 17 गोले, दो एयर गन, विस्फोटक, सात टिफिन बम, लैपटॉप, डीवीडी राइटर, वॉकी टॉकी और अन्य सामान बरामद किया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल आज सुबह सुरक्षित अपने शिविर में लौट आए हैं। राज्य के महासमुंद जिले में संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि उनकी सरकार मजबूती के साथ नक्सलवाद से लड़ रही है। साय ने कहा, ” जब से राज्य में हमारी सरकार बनी (पिछले साल दिसंबर में) है, हम नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं।
बीजापुर मुठभेड़ में 13 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं और मेरा मानना है कि यह सुरक्षाबलों की अब तक की सबसे बड़ी सफलता है।” मुख्यमंत्री ने कहा, ”हम संवेदनशील इलाकों में नए शिविर स्थापित कर रहे हैं। मैं इसे सुविधा शिविर कहता हूं क्योंकि हम इनके माध्यम से अंदरूनी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राशन, बिजली, सड़क और पानी उपलब्ध कराना चाहते हैं। लेकिन नक्सली उनका विरोध करते हैं।” साय ने कहा, ”राज्य सरकार ने नियद नेल्लानार (आपका अच्छा गांव) योजना शुरू की है, जिसके तहत हम सुरक्षा शिविरों के माध्यम से सरकार की सुविधाएं और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना चाहते हैं।” मंगलवार को बीजापुर में प्रेशर बम विस्फोट में जवान के घायल होने के बारे में पूछे जाने पर, साय ने कहा, ”देखिए युद्ध में ऐसा होता है। दोनों पक्षों को नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अंततः: हम जीत हासिल करेंगे।” जिले के गंगालूर इलाके में मंगलवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट होने से सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता को लेकर बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, ”राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के बीच बेहतर समन्वय और बेहतर रणनीति के परिणामस्वरूप इस साल अब तक बस्तर क्षेत्र में 46 नक्सलियों को मार गिराया गया है, जिसमें बीजापुर जिले में 27 नक्सली शामिल हैं।’
उन्होंने बताया कि इसके अलावा क्षेत्र में इस अवधि के दौरान 181 नक्सली गिरफ्तार किए गये और 120 ने आत्मसमर्पण कर दिया। बस्तर संभाग के तहत सात जिले कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा आते हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस साल अब तक क्षेत्र में सुरक्षा बलों के 19 नए शिविर स्थापित किए गए हैं। बीजापुर जिला बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां 19 अप्रैल को आम चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा। नक्सली हर साल मार्च से जून के बीच गर्मियों में टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चलाते हैं और अपनी गतिविधियां तेज कर देते हैं। इस अवधि के दौरान बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमले किए गए हैं।
Your point of view caught my eye and was very interesting. Thanks. I have a question for you.
Thanks for sharing. I read many of your blog posts, cool, your blog is very good.
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.