छत्तीसगढ़ में ईओडब्ल्यू और एसीबी का एक्शन: कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में 29 स्थानों पर छापेमारी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले के संबंध में पांच जिलों में कुछ व्यापारियों सहित 29 स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एजेंसी ने इस साल मार्च में महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी एप्लिकेशन के कथित अवैध संचालन के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया था। ईडी पिछले कुछ समय से इस मामले की जांच कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जारी जांच के तहत एसीबी और ईओडब्ल्यू के दलों ने बृहस्पतिवार सुबह दुर्ग जिले के 18 स्थानों, रायपुर में सात स्थानों, बलौदाबाजार में दो स्थानों तथा रायगढ़ व कांकेर में एक-एक स्थान पर छापेमारी की।

उन्होंने बताया कि छापेमारी में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज, हवाला (फंड ट्रांसफर के लिए अवैध चैनल) से संबंधित पर्चियां, बैंकों से संबंधित दस्तावेज और महादेव ऐप से जुड़े अन्य संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए। अधिकारी ने बताया कि दस्तावेजों की जांच की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, इस बीच मामले में लंबे समय से फरार आरोपी अर्जुन सिंह यादव को पचमढ़ी (मध्य प्रदेश) में तलाश कर पूछताछ के लिए यहां ब्यूरो कार्यालय लाया गया। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी-ईओडब्ल्यू ने कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में अपनी एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ-साथ ऐप के प्रमोटरों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को आरोपी बनाया है।

उन्होंने बताया कि एसीबी ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। ईडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दर्ज प्राथमिकी में बताया गया कि महादेव बुक ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल ने लाइव ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया और व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सट्टेबाजी में शामिल हुए। प्राथमिकी के मुताबिक, प्रवर्तकों ने पैनल ऑपरेटरों, शाखा ऑपरेटरों के माध्यम से ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध कार्य किए। प्राथमिकी में बताया गया कि वे अवैध कमाई का 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत अपने पास रखते थे और बाकी पैसा पैनल ऑपरेटरों-शाखा संचालकों को बांट देते थे। प्राथमिकी के मुताबिक, 2020 में लॉकडाउन लागू होने के बाद (कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद) प्रमोटरों और पैनल ऑपरेटरों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के माध्यम से प्रति माह लगभग 450 करोड़ रुपये कमाए हैं।

प्राथमिकी में बताया गया कि पैनल संचालकों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात में प्रमोटरों को अवैध धन हस्तांतरित किया। पुलिस के मुताबिक, विभिन्न पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों ने अपने पदों का दुरुपयोग किया है और महादेव बुक ऐप के प्रमोटरों से संरक्षण राशि के रूप में अवैध संपत्ति अर्जित की है। ईडी ने कई अचल संपत्तियों की अस्थायी कुर्की की है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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