आठ लाख की इनामी महिला नक्सली कमांडर ढेर, हथियार व विस्फोटक सामग्री भी बरामद

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नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में नारायणपुर पुलिस को ‘माड़ बचाओ अभियान’ के तहत ‘ऑपरेशन मानसून’ में सुरक्षा बलों को तब बड़ी सफलता हासिल हुई जब भीषण मुठभेड़ में आठ लाख रुपये की इनामी माओवादी प्लाटून नंबर-16 कमांडर (पीपीसी सचिव) सोढ़ी विमला को मार गिराया। भारी बरसात व चुनौतीपूर्ण मानसूनी परिस्थितियों के बावजूद डीआरजी नारायणपुर, डीआरजी दंतेवाड़ा व एसटीएफ की संयुक्त टीम ने विमला को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। पुलिस ने मौके से चार राइफल एवं अन्य वस्फिरेटक सामग्री बरामद की है। मुठभेड़ स्थल से महिला माओवादी का शव, एक .303 प्वाइंट रायफल, एक .315 बोर रायफल, दो बीजीएल लांचर, पांच बीजीएल सेल, रेडियो सेट, इलेक्ट्रॉनिक स्वीच (कार प्रकार) और दैनिक उपयोग की अन्य सामग्री बरामद की गई।

साथ ही लगभग 19 किलोग्राम तरल विस्फोटक (जिलेटिन स्टिक) भी जब्त किया गया जिसका उपयोग आईईडी निर्माण में किया जा सकता था। नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया ने कहा, प्लाटून नंबर-16 सक्रिय रूप से पूर्व बस्तर डिवीजन में कई नक्सल घटनाओं में शामिल रहा है। नए एडजूम कैंप की स्थापना से नक्सलियों में भय व्याप्त है। मानसून के कठिन हालात में भी हमारी टीमों ने लगातार अभियान चलाकर नक्सलियों की कमर तोड़ी है। अबूझमाड़ नक्सलियों के लिए सुरक्षित क्षेत्र नहीं रहा। हम निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुके हैं। जो लोग नक्सल विचारधारा से भ्रमित हैं, उन्हें आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील करते हैं। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया, भाकपा-माओवाद के विरुद्ध यह अभियान नक्सलवाद उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कठिन परिस्थितियों में भी यह सफलता हमारी सुरक्षा बलों के संकल्प को दर्शाती है।

बस्तर में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। जानकारी के अनुसार गत चार सितंबर से जिला नारायणपुर, दंतेवाड़ा डीआरजी व एसटीएफ की संयुक्त पुलिस पार्टी द्वारा नक्सल विरोधी अभियान जारी था। गत शुक्रवार को नेंदुर-गवाड़ी जंगल पहाड़ में माओवादी संगठन के नक्सलियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। जवाबी कार्रवाई में महिला माओवादी मारा गया। यह अभियान क्षेत्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए श्री रोबिनसन गुड़िया के निर्देशानुसार संचालित किया गया। पुलिस ने कहा कि ऐसे अभियान भवष्यि में भी जारी रहेंगे ताकि बस्तर क्षेत्र में शांति एवं विकास को सुनश्चिति किया जा सके।