कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ”चुनाव विभाग” की तरह काम कर रहा है। ईडी ने हाल में ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले के सिलसिले में धन शोधन के आरोप में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। बघेल ने प्रेस वार्ता में कहा, ”जब भी कांग्रेस देश और देश के लोगों के हित में जाति आधारित जनगणना और जनसंख्या के अनुसार आरक्षण जैसे बड़े मुद्दे उठाती है, तो भाजपा सरकार पार्टी को बदनाम करने के लिए झूठे और अवास्तविक आरोपों के साथ कांग्रेस पर हमला करना शुरू कर देती है।
बघेल ने कहा, ”इसका एक स्पष्ट उदाहरण ‘नेशनल हेराल्ड’ मामला है। इस मामले में 2012 में निर्वाचन आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया था। फिर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रवर्तन निदेशालय का रुख किया, जिसने भी 2015 में मामला बंद कर दिया।” उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन ईडी प्रमुख को हटाए जाने के बाद केंद्रीय एजेंसी ने उसी मामले में एक नयी प्राथमिकी दर्ज की और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी से लंबी पूछताछ की गई। उन्होंने कहा, ”भाजपा के चुनाव विभाग के रूप में काम कर रहे ईडी ने अदालत द्वारा दी गई समयसीमा के आखिरी दिन आरोपपत्र दाखिल किया। हमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र के बारे में मीडिया के माध्यम से पता चला। उनमें से किसी को या कंपनी के किसी निदेशक को कोई नोटिस नहीं दिया गया।
भाजपा नेताओं के इस दावे पर कि ‘नेशनल हेराल्ड’ के पास 5,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है, बघेल ने कहा, ”आयकर विभाग ने इसका मूल्य लगभग 400 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। यह भाजपा नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे झूठ की पराकाष्ठा को दर्शाता है। ‘नेशनल हेराल्ड’ की संपत्ति किसी अन्य पार्टी को बेची या हस्तांतरित नहीं की जा सकती।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ”कांग्रेस मुक्त भारत” का अभियान चला रही है, लेकिन वह ईडी, सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो), आयकर विभाग और यहां तक कि निर्वाचन आयोग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का ”दुरुपयोग” करने के बावजूद पार्टी को खत्म करने में विफल रही है। बघेल ने दावा किया, ”नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक की कांग्रेस सरकारों ने इस देश के लोगों की भलाई के लिए कई संस्थान और संपत्तियां स्थापित कीं। लेकिन अब भाजपा सरकार एक के बाद एक इन्हें एक ही व्यक्ति को बेच रही है और पूरी सरकारी मशीनरी इसी लक्ष्य को हासिल करने में लगी हुई है।” ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच जारी महानदी जल विवाद के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ”अब चूंकि ओडिशा, छत्तीसगढ़ और केंद्र में ‘ट्रिपल इंजन’ वाली भाजपा सरकार है, तो उन्हें इस मामले को आपसी सहमति से सुलझा लेना चाहिए।