कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को भाजपा की आलोचना की और कहा कि लोकतंत्र में प्रतिशोध की मंशा से विपक्ष को दबाने की केंद्र की कोशिश को लोग स्वीकार नहीं करेंगे। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से राज्य में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी है लेकिन इस बार उसका प्रदर्शन पहले से कहीं बेहतर होगा। पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पायलट ने कहा, ..भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने कांग्रेस के बैंक ‘फ्रीज’ कर लिए हैं जो अनैतिक, असंवैधानिक और अवैध है। निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। पहले हमने यह झारखंड में देखा और अब कल रात दिल्ली में। चुनाव से ठीक पहले ईडी ने एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया। आदर्श आचार संहिता का क्या मतलब है? उन्होंने कहा, पारदर्शिता दिखाना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और उसे मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, तभी लोगों को लगेगा कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो सकते हैं।
पायलट ने कहा, मैंने कभी किसी निर्वाचित मुख्यमंत्री के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होते नहीं देखी, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि वह इंडिया गठबंधन में हैं या नहीं, अहम बात यह है कि क्या एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के प्रति इस तरह का रवैया सही है? उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने नैतिकता, मर्यादा और राजनीतिक आचरण की सीमाएं लांघ दी हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, ”प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई 95 प्रतिशत कार्रवाइयां भाजपा के विरोधियों के खिलाफ हैं। जैसे ही वे भाजपा का विरोध करना बंद कर देते हैं, उन्हें क्लीन चिट मिल जाती है। लोग देख रहे हैं कि विपक्ष की आवाज़ को कैसे दबाया और कुचला जा रहा है।” महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप घोटाले के संबंध में राज्य की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बारे में पूछे जाने पर पायलट ने कहा, ”हम डरने वाले नहीं हैं… उन्हें प्राथमिकी दर्ज करने दें और लोगों का चरित्र हनन करें।
प्रतिशोध की भावना से काम करके लोकतंत्र में विपक्ष को दबाने की कोशिश केंद्र सरकार कर रही है। उसे जनता स्वीकार नहीं करेगी। पायलट ने कहा, देश में केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। हम कहते हैं कि जांच होनी चाहिए लेकिन यह चयनात्मक नहीं होनी चाहिए। यह सिर्फ लोगों को राजनीतिक तौर पर नुकसान पहुंचाने के इरादे से नहीं किया जाना चाहिए। जांच का उद्देश्य तथ्यों तक पहुंचना होना चाहिए। सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों के खिलाफ अब तक कोई जांच नहीं की गई है जो देश के सामने एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से हम लोकसभा चुनाव में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन इस बार फीडबैक के अनुसार हमें जनता का समर्थन मिलेगा और कांग्रेस पिछली बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगी। राज्य की 11 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और सात मई को मतदान होगा।
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