किसानों के हित के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पात्रों से ज्यादा अपात्र उठा रहे हैं। जांच में पता चला है कि ज्यादातर ऐसे किसान हैं जो इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं, वह भी किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा पेंशन धारक भी इस योजना का जमकर लाभ ले रहे हैं। जांच में सामने आया है कि 13 हजार से ज्यादा ऐसे किसान मिले हैं जिनकी योजना के मानक से अधिक जमीन है, उनसे अब रिकवरी की तैयारी होगी। इसके अलावा ईकेवाईसी के दौरान 17203 किसानों को भी अपात्र घोषित किया गया है। बतादें कि इस योजना के तहत हर साल किसानों के खाते में छह हजार रुपये दिए जाते हैं। चार महीने में दो हजार रुपये की किश्त किसानों के खाते में जाती है।
जिले में 1 लाख 37 हजार 556 किसान पंजीकृत हैं। इनमें से 1 लाख 34 हजार 557 किसानों को सम्मान निधि की राशि मिल चुकी है, लेकिन आधार लिंक हुआ तो मात्र 105277 लोगों को ही पात्र पाया गया। इसमें से 93591 किसानों का ईकेवाईसी पूर्ण कर लिया है। 11686 किसानों का ईकेवाईसी कराया जा रहा है। इनकम टैक्स जमा करने वाले 1055 अपात्र किसानों से 86 लाख 72 हजार रुपए की वसूली की जानी है। अभी तक 591 किसानों ने 11 लाख 82 हजार रुपए जमा किया है।
योजना के तहत 2 हेक्टेयर से कम जमीन वालों को ही पात्र माना गया था। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किए गए थे। पटवारियों को राजस्व रिकॉर्ड का सत्यापन करने का जिम्मा दिया गया था। लेकिन शुरुआत में ही जिनके पास जमीन थी उन्होंने आवेदन जमा कर दिया और योजना का लाभ उठाने लगे। पंजीयन और सत्यापन भी ठीक से नहीं हो पाया । इसी वजह से अपात्र लोग भी योजना का लाभ उठा रहे हैं। अब ऐसे लोगों की पहचान कर किश्त रोक दी गई है। साथ ही वसूली के लिए सर्वे किया जा रहा है।
किन लोगों को नहीं मिल सकता लाभ
किसान सहित उसकी पत्नी या बेटे को इसका लाभ नहीं मिल सकता है। इसमें किसान परिवार के एक व्यक्ति को ही इसका लाभ मिल सकता है। अगर किसी को दस हजार रुपए तक पेंशन मिलती है, तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारी, आयकर दाता, मंत्री, सांसद, विधायक, डॉक्टर, इंजीनियर को भी सम्मान निधि नहीं मिलेगी।