अभिषेक उपाध्याय। छत्तीसगढ़ में योजनाओं के नाम को लेकर महाभारत छिड़ गई है। कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने खड़े हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम वाली दो योजनाओं के नाम बदल दिए हैं। इस कदम पर कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस का बयान है कि बीजेपी सरकार के पास कोई नई योजना नहीं है, इसलिए पिछली सरकार की योजनाओं के नाम बदल रही है।
दरअसल पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम राजीव गांधी स्वावलंबन योजना, पं. दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम डा. बीआर आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना, पं. दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना, पं. दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना और पं. दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल योजना किया गया था। राज्य में दो योजनाओं के नाम राजीव गांधी के नाम से बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखे जाएंगे इसको लेकर आदेश 18 सितंबर को जारी किया गया था, साथ ही 30 सितंबर को सरकारी वेबसाइट पर अपलोड भी किया गया था।
छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम बदल दिया गया है और इसको पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना कर दिया गया है. वहीं, राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना कर दिया गया है। दरअसल दोनों योजनाओं का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर पहले से ही था, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से बदलकर साल 2019 में इन योजनाओं को राजीव गांधी के नाम पर रख दिया था। राज्य के उप मुख्यमंत्री अरुण साय ने कहा कि पहले यह योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के नाम पर थीं और अब इनका नाम फिर से उनके नाम पर कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में इसको लेकर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है जबकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है। महापुरूषों का सम्मान किया जा रहा है। बीजेपी पहले से भी कांग्रेस पर एक वंश की सियासत का आरोप लगाती आई हैे।