छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) घोटाले के सिलसिले में एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने बुधवार तड़के राज्यभर में एक साथ बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और कुरूद सहित कई जिलों में ठेकेदारों और सप्लायरों के ठिकानों पर दबिश दी गई। रायपुर से रवाना हुई विशेष टीम ने सुबह करीब 5:30 बजे राजनांदगांव के तीन प्रमुख ठिकानों-भारत माता चौक स्थित राधा कृष्ण एजेंसी के संचालक अग्रवाल परिवार का निवास, सत्यम विहार में यश नहाटा का घर, और कामठी लाइन स्थित ललित भंसाली के ठिकाने-पर एक साथ छापा मारा। करीब दस वाहनों के काफिले के साथ पहुंची ईओडब्ल्यू टीम ने दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जप्त कर गहन जांच शुरू की।
अपुष्ट सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई खनन कारोबार और ठेकों से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच के तहत की जा रही है। टीम डीएमएफ फंड से हुए भुगतानों और अनुबंधों से जुड़े कागजातों की पड़ताल कर रही है। राजनांदगांव में हुई कार्रवाई को जांच की सबसे अहम कड़ी माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो डीएमएफ फंड के दुरुपयोग और अवैध लेन-देन से जुड़ी अहम जानकारियां उजागर कर सकते हैं। इस कार्रवाई के तहत रायपुर, दुर्ग और कुरूद में भी करीब एक दर्जन ठिकानों पर छापे मारे गए। रायपुर में वॉलफोर्ट कॉलोनी स्थित अमित कोठारी और अशोक कोठारी के फ्लैट पर, तथा सत्यम विहार में यश नाहटा और रोमिल नाहटा (सरकारी सप्लायर) के निवास पर कार्रवाई की गई। दुर्ग जिले में महावीर कॉलोनी स्थित मनीष पारख (भिलाई में डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक) के घर पर दबिश दी गई। वहीं राजनांदगांव में नाहटा और भंसाली परिवार के ठिकानों पर कार्रवाई जारी है।





