भानुप्रतापपुर/फरसगांव। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के लोगों से वादा किया कि कांग्रेस की राज्य की सत्ता में वापसी होने पर सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा दी जाएगी तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रतिवर्ष 4,000 रुपये दिए जाएंगे। नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के भानुप्रतापपुर और फरसगांव कस्बे में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए गांधी ने पूछा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने भाषणों में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का जिक्र करते हैं, तो वह जाति जनगणना से क्यों डरते हैं। उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस (केंद्र में) सत्ता में आई तो देश में जाति जनगणना कराई जाएगी।
भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट कांकेर जिले में स्थित है तथा फरसगांव पड़ोसी कोंडागांव जिले के कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र में है। यह दोनों सीटें उन 20 निर्वाचन क्षेत्रों में से हैं जहां सात नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा। दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होगा। गांधी ने कहा, हम आपके लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं जिसे हम केजी टू पीजी कहते हैं। केजी (किंडरगार्टन) से पीजी (पोस्ट-ग्रेजुएशन) तक छात्रों को सरकारी संस्थानों में मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी (यदि कांग्रेस राज्य में सत्ता बरकरार रखती है)। उन्हें एक भी पैसा नहीं देना होगा। उन्होंने वादा किया कि यदि चुनाव के बाद कांग्रेस राज्य में सरकार बनाती है तो तेंदूपत्ता संग्राहकों को राजीव गांधी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रति वर्ष चार हजार रुपये दिए जाएंगे।
इसे आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र के लिए एक बड़ी घोषणा के रूप में देखा जा रहा है, जहां बड़ी संख्या में आदिवासी और वनवासी तेंदूपत्ता संग्रहण से जुड़े हुए हैं। जाति आधारित गणना की वकालत करते हुए उन्होंने कहा, ”नरेंद्र मोदी जी हर भाषण में ओबीसी शब्द का इस्तेमाल करते हैं और खुद को ओबीसी बताते हैं, लेकिन वह जाति जनगणना से क्यों डरते हैं, ओबीसी को जागरूक होना होगा क्योंकि उन्हें धोखा दिया जा रहा है। गांधी ने यह भी घोषणा की कि यदि कांग्रेस दिल्ली (केंद्र में) में सत्ता में आई तो वह देश में ‘जाति जनगणना’ कराएगी। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ के लिए यह वादा पहले ही कर चुके हैं। गांधी ने आरोप लगाया, ”जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सत्ता में थी, तो उसने देश में रहने वाली जातियों और उप-जातियों तथा उनकी जनसंख्या का पता लगाने के लिए जाति जनगणना की थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा ने इसकी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया और इसे छिपाए रखा।
90 अधिकारी चला रहे हैं भाजपा सरकार
गांधी ने कहा, भारत सरकार को सांसद नहीं बल्कि 90 सचिव (अधिकारी) चला रहे हैं और वे ही देश का बजट तय करते हैं। मैंने पाया कि केंद्र में कुल 90 सचिवों में से केवल तीन ओबीसी और तीन आदिवासी हैं। बजट तय करने में सिर्फ पांच फीसदी ओबीसी और 0.1 फीसदी आदिवासियों का प्रतिनिधित्व है.. इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है। उन्होंने पूछा, क्या देश में ओबीसी और आदिवासियों की आबादी पांच प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत है? गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा, ”देश की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी है, लेकिन मोदी जी ओबीसी, दलित और आदिवासियों की आबादी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ”मोदी जी हर भाषण में कहते हैं कि वह ओबीसी हैं, यदि वह वास्तव में उनका समर्थन करना चाहते हैं तो उन्हें ओबीसी की जनसंख्या बतानी चाहिए..मोदी जी को अडाणी द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कभी भी जाति जनगणना के बारे में बात नहीं की..हमने वादा किया है कि यदि हमारी पार्टी सत्ता बरकरार रखती है तो हम छत्तीसगढ़ में जाति सर्वेक्षण कराएंगे। कांग्रेस सांसद ने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि वह दो-तीन उद्योगपतियों के लाभ के लिए काम करती है जबकि कांग्रेस किसानों, दलितों, मजदूरों और आदिवासियों के हित में काम करती है।
राहुल गांधी ने सरकार चलाने का बताया तरीका
राहुल गांधी ने कहा, सरकार चलाने के दो ही तरीके हैं। पहला देश के सबसे अमीर लोगों को फायदा पहुंचाना और दूसरा गरीबों का समर्थन करना, जबकि तीसरा कोई रास्ता नहीं है। या तो आप उनका समर्थन करते हैं जो पंक्ति में सबसे आगे है या जो अंतिम पंक्ति में है। हमारी (कांग्रेस) सरकार किसानों, गरीबों और मजदूरों का समर्थन करती है और वे (भाजपा) बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन अंततः अडाणी की मदद करते हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा किए गए प्रमुख वादे छत्तीसगढ़ में पूरे हो गए हैं। गांधी ने कहा, ”हमने किसानों को धान के लिए 2500 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था और अब उन्हें 2640 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है क्योंकि हमारी मंशा साफ है। कुछ समय के बाद यह 3000 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा। आदिवासियों के लिए आदिवासी की जगह वनवासी शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा इसका इस्तेमाल आदिवासियों का अपमान और उनकी संस्कृति, इतिहास और भाषा पर हमला है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ”हम आपको आदिवासी कहते हैं और वे (भाजपा) आपको वनवासी कहते हैं। दोनों शब्दों में बहुत बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा, आदिवासी हिंदुस्तान के असली मालिक हैं। वे देश की जमीन, जल और जंगल के पहले मालिक थे और उन पर उनका पहला अधिकार है। हमने पेसा लागू किया और आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित की। हमने उनकी संस्कृति और भाषा की सुरक्षा सुनिश्चित की.. वनवासी का मतलब है वह जो जंगल में रहता है लेकिन उस पर उसका अधिकार नहीं है.. वे (भाजपा) आपसे जल जंगल जमीन छीनना चाहते हैं और उसे अडाणी जैसे उद्योगपतियों को सौंप देना चाहते हैं।उन्होंने सभा में कहा, (यदि कांग्रेस फिर से छत्तीसगढ़ में सत्ता में आती है) आपको तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति वर्ष चार हजार रुपये का बोनस सीधे आपके बैंक खातों में मिलेगा और 70 विभिन्न वन उपजों के लिए समर्थन मूल्य पर 10 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। रमन सिंह के नेतृत्व वाले पूर्व भाजपा सरकार पर हमला करते हुए गांधी ने कहा, ”मुझे याद है कि पहले बस्तर के युवाओं को फर्जी मुठभेड़ों में मार दिया जाता था। जब भी मौका मिलता था आदिवासियों को डराया धमकाया जाता था और फर्जी मुठभेड़ों को अंजाम दिया जाता था। उन्होंने कहा, ”मध्य प्रदेश में एक भाजपा नेता ने एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया..यह भाजपा की मानसिकता है।