बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने पक्की सड़क के नीचे ‘फॉक्सहोल तकनीक’ का इस्तेमाल करके लगाए गए दो शक्तिशाली बारूदी सुरंग और एक अन्य से ‘प्रेसर बम’ को बरामद करके नक्सलियों की साजिश को नाकाम कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पांच किलोग्राम वजनी ‘प्रेशर बम’ को बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों की दूसरी टीम ने एक अन्य स्थान से बरामद किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फॉक्सहोल (सड़क के किनारे से एक बड़ी सुरंग बनाकर पक्की सड़क के नीचे भारी मात्रा में विस्फोटक लगाने की प्रक्रिया) तकनीक का इस्तेमाल कर नक्सलियों ने इस वर्ष अप्रैल में दंतेवाड़ा जिले में पुलिस के वाहन को उड़ा दिया था। इस हमले में दस जवानों और एक वाहन चालक की मृत्यु हो गई थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आज केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और बम निरोधक दस्ता के संयुक्त दल को आवापल्ली-बासागुड़ा मार्ग पर रवाना किया गया था।
दल जब मुरदंडा शिविर से बासागुड़ा सड़क पर था तभी उन्हें सड़क के नीचे बम होने की जानकारी मिली। इसके बाद दल ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए 25-25 किलोग्राम के दो बारूदी सुरंग बरामद किये। उन्होंने बताया कि सड़क के नीचे पांच-पांच फुट लंबा और चौड़ा तथा चार फुट गहरा फॉक्सहोल बनाकर बारूदी सुरंग को लगाया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों ने बड़े वाहनों को नुकसान पहुंचाने के लिए यह बारूदी सुरंग लगाई थी। बारूदी सुरंग को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया है। इस वर्ष 26 अप्रैल को पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर पुलिस थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के एक वाहन को उड़ा दिया था। इस घटना में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के 10 जवानों और एक नागरिक वाहन चालक की मौत हो गई थी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि दंतेवाड़ा हमले में लगभग 40-50 किलोग्राम वजनी बारूदी सुरंग को माओवादियों ने सड़क के किनारे सुरंग खोदकर फॉक्सहोल तकनीक के माध्यम से लगाया था। उन्होंने बताया कि एक अन्य घटना में सुरक्षाबल के जवानों ने आज जिले के पामेड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत चिंतावगु नदी और धरमाराम गांव के मध्य पांच किलोग्राम का ‘प्रेशर बम’ बरामद किया है। अधिकारियों ने बताया कि बम को निष्क्रिय कर दिया गया है। इससे पहले आज सुबह पड़ोसी नारायणपुर जिले में स्थित एक लौह अयस्क खदान में नक्सलियों द्वारा लगाए गए ‘प्रेशर बम’ में विस्फोट होने से दो श्रमिकों की मौत हो गई तथा एक अन्य घायल हो गया। नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में नक्सली अक्सर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए बारूदी सुरंग का इस्तेमाल करते हैं।