छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में संदिग्ध माओवादियों ने की दो पूर्व सरपंचों की हत्या

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में संदिग्ध माओवादियों ने दो पूर्व सरपंचों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के नैमेड़ और भैरमगढ़ थाना क्षेत्र में संदिग्ध माओवादियों ने पूर्व सरपंच सुखराम अवलम और सुकलु फरसा की अपहरण के बाद हत्या कर दी। सुखराम नैमेड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत कडेर गांव का तथा फरसा भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिरयाभूमि गांव का निवासी था। उन्होंने बताया कि कडेर गांव निवासी पूर्व सरपंच अवलम बीजापुर के शांतिनगर में निवास कर रहा था।

बुधवार को वह खेती के काम से अपने गांव कडेर गया हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि अलवल कडेर से अपने निजी कार्य के लिए करीब के गांव कैका गांव गया हुआ था। जब वह वहां से वापस अपने गांव कडेर लौट रहा था तब शाम लगभग साढे छह बजे दो अज्ञात व्यक्ति वहां पहुंचे और सुखराम को जंगल की ओर ले गए। उन्होंने बताया कि रात लगभग नौ बजे सुखराम की हत्या कर शव को कडेर-कैका मार्ग पर फेंक दिया गया। घटनास्थल से माओवादियों के गंगालूर एरिया कमेटी द्वारा जारी पर्चा बरामद किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह की एक अन्य घटना में संदिग्ध माओवादियों ने पूर्व सरपंच सुकलु फरसा की अपहरण के बाद हत्या कर दी है।

उन्होंने बताया कि माओवादियों ने सोमवार को बिरयाभूमि गांव के रास्ते में पूर्व सरपंच सुकलु फरसा का अपहरण कर लिया था। बुधवार को परिजन और बेटी यामिनी फरसा ने सोशल मीडिया में पिता को छोड़ने की अपील की थी। लेकिन बाद में फरसा का शव बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से माओवादियों का पर्चा बरामद किया गया है जिसमें माओवादियों ने फरसा पर भाजपा से जुड़ने का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया है तथा मामले की जांच की जा रही है।