छत्तीसगढ़ में शिक्षिका पर उत्पीड़न का आरोप, छात्रा ने की आत्महत्या

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक 12 वर्षीय छात्रा ने अपने स्कूल की शिक्षिका के कथित उत्पीड़न से परेशान होकर घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। शहर पुलिस अधीक्षक (अंबिकापुर) एस राजनाला ने कहा कि छात्रा के कमरे से बरामद सुसाइड नोट के आधार पर शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि एक निजी स्कूल की कक्षा छह की छात्रा मंगलवार देर रात मानिपुर पुलिस थाना क्षेत्र के दर्रीपारा इलाके में अपने घर के एक कमरे की छत से लटकी पाई गई। राजनाला ने कहा कि कमरे में एक सुसाइड नोट पाया गया जिसमें छात्रा ने शिक्षिका पर उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए और शव का पोस्टमॉर्टम किया गया।

छात्रा के माता-पिता, स्कूल के छात्रों और शिक्षकों के बयान दर्ज किए गए। हस्तलिपि विशेषज्ञों ने सुसाइड नोट की जांच की है। अधिकारी ने बताया कि जांच के आधार पर शिक्षिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 305 (बच्चे को आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया और मामले की जांच जारी है। अंग्रेजी भाषा में लिखे सुसाइड नोट में छात्रा ने दावा किया कि उसका और उसके दो मित्रों के पहचान पत्र शिक्षिका ने छीन लिए। इस पत्र पर छह फरवरी की तारीख अंकित है। इस नोट में छात्रा ने इस कदम के लिए शिक्षिका को जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा, मेरी मित्र ने बताया कि वह खतरनाक हैं और वह तुम्हें प्रधानाचार्या के पास ले जाएंगी और तुम्हारे माता-पिता को भी बुलवाएंगी। मैं डर गई और मैंने खुद को खत्म करने का निर्णय लिया। छात्रा ने अनुरोध किया कि उसके मित्रों को दंडित किए जाने से बचाया जाए।

छात्रा के पिता ने संवाददाताओं से कहा कि वह दो दिन के लिए रायपुर गए थे और उनकी बेटी ने (मंगलवार) शाम 6.30 बजे उन्हें वीडियो कॉल किया था लेकिन उन्हें कुछ नहीं बताया। छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि स्कूल में शिक्षक छात्रों को प्रताड़ित करते हैं। उन्होंने कहा, उसने सुसाइड नोट में लिखा है कि कृपया मेरे मित्रों को सजा मत देना। छात्रा के पिता ने कहा कि जब उनकी बेटी नर्सरी कक्षा में थी तब उन्होंने एक शिक्षक से ठीक तरह से नहीं पढ़ाने की शिकायत की थी जिसके बाद शिक्षक ने उनकी बेटी को मारा था और परेशान किया था। उन्होंने कहा, मेरी बेटी ने मुझे उत्पीड़न के बारे में कुछ भी बताना बंद कर दिया था क्योंकि जब भी अभिभावक किसी भी मुद्दे पर शिक्षकों से बात करने के लिए स्कूल जाते हैं, अगले दिन से शिक्षक बदला लेने लगते हैं और छात्रों को परेशान करते हैं। उन्होंने कहा, कृपया करके छात्रों को बचाइए। वे निर्दोष हैं।

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