छत्तीसगढ़ में दो नन की गिरफ्तारी का मुद्दा लोकसभा में उठा, कांग्रेस सांसद ने की रिहाई की मांग

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो कैथलिक नन की गिरफ्तारी का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में उठाते हुए कांग्रेस के एक सांसद ने आरोप लगाया कि दोनों नन के साथ एक दक्षिणपंथी संगठन के लोगों ने मारपीट की और दोनों को राज्य पुलिस ने बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए दोनों नन की रिहाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि 25 जुलाई को एक दक्षिणपंथी संगठन के लोगों ने उनके गृह राज्य केरल से ताल्लुक रखने वाली कैथलिक नन वंदना और प्रीति पर दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हमला किया। उन्होंने कहा कि दोनों नन क्षेत्र में कैंसर रोगियों की मदद कर रही थीं और सेवा कार्यों में लगी थीं।

वेणुगोपाल ने कहा कि जब नन के साथ स्टेशन पर मारपीट की गई तो पुलिस आई और उसने बिना किसी कारण के दोनों नन को गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस सांसद ने कहा, ”पिछले पांच दिन से दोनों नन बिना किसी कारण के जेल में हैं। क्या यह ‘बनाना रिपब्लिक’ है। हमने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, देश के गृह मंत्री को पत्र लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।” उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो केरल में स्थिति बेकाबू हो सकती है जहां उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। केरल के मावेलिक्करा से कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने भी शून्यकाल में यह विषय उठाया। वहीं, छत्तीसगढ़ के बस्तर से भाजपा सांसद महेश कश्यप ने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र में सेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य के बहाने विभिन्न गतिविधियां संचालित होती हैं और आदिवासी महिलाओं को जाल में फंसाकर उनके साथ अन्याय किया जाता है तथा जबरन धर्मांतरण कराया जाता है।

उन्होंने सरकार से मांग की कि जनजातियों की महिलाओं के संरक्षण के लिए कानून बनना चाहिए। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कथित मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में दोनों ननों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीनों पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया गया था। अधिकारी ने बताया कि लड़कियों के बयान और तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद छत्तीसगढ़ धर्म परिवर्तन अधिनियम और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।