छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में बृहस्पतिवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारी गई तीन महिला नक्सलियों पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि यह अभियान माओवादियों के लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया था कि नारायणपुर-कांकेर जिले की सीमा पर सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीन वर्दीधारी महिला नक्सलियों को मार गिराया गया है।
उन्होंने बताया कि मारी गई महिला नक्सलियों की पहचान उड़ीसा के मलकानगिरी क्षेत्र की निवासी लक्ष्मी तथा परतापुर एरिया कमेटी की एरिया कमेटी मेंबर सविता और शांता के रूप में हुई है, सविता और शांता छत्तीसगढ़ की निवासी थीं। अधिकारियों ने बताया कि लक्ष्मी के सर पर आठ लाख रुपए तथा सविता और शांता के सर पर पांच-पांच लाख रुपए इनाम है। उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग के अंतर्गत अबूझमाड़ से नक्सलवाद का सफाया करने के उद्देश्य से नारायणपुर पुलिस के द्वारा पिछले छह महीने से माड़ बचाओ अभियान संचालित किया जा रहा है। इस दौरान भारी बारीश के बीच सुरक्षा बलों ने तीन दिन का एक सफल अभियान चलाया। अधिकारियों ने बताया कि 27 अगस्त को नारायणपुर से नारायणपुर-कांकेर जिले की सीमा क्षेत्र में उत्तर-बस्तर डिवीजन और कंपनी नंबर पांच के माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर संयुक्त बल रवाना किया गया था।
उन्होंने बताया बल में नारायणपुर डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड), कोण्डागांव डीआरजी, एसटीएफ तथा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 135वीं वाहिनी के जवान शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान 29 अगस्त को सुबह आठ बजे माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि हमले के बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। इसके बाद रूक-रूक कर अलग-अलग दलों के साथ लगातार मुठभेड़ हुई। कुछ देर बाद नक्सली वहां से भाग गए। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी बंद होने के बाद जब सुरक्षाबलों ने घटनास्थल की तलाशी ली तब अलग-अलग स्थानों से तीन महिला वर्दीधारी माओवादी का शव, एक .303 रायफल, दो 315 राइफल, एक बीजीएल लांचर, एक भरमार बंदूक, विस्फोटक तथा अन्य सामान बरामद किया गया।
उन्होंने बताया कि घटना स्थल में और भी खून के धब्बे दिखाई दिए हैं जिससे इस मुठभेड़ में बडी संख्या में अन्य माआवेदियों के घायल होने अथवा मारे जाने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग 40 वर्ष से माड़ नक्सलवाद हिंसा तथा भय से ग्रस्त है लेकिन अब यहां के निवासी भय एवं नक्सलवाद से मुक्त माड़ की कल्पना कर रहे हैं। नक्सल विरोधी सफल अभियानों से विकास को गति मिली है। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि माओवादी संगठन के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से स्थानीय जिला पुलिस बल, डीआरजी तथा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा आपसी तालमेल और बेहतर रणनीति से काम करने के कारण वर्ष 2024 में बस्तर संभाग में अब तक कुल 143 नक्सलियों का शव बरामद किया गया है। इस दौरान 596 नक्सली गिरफ्तार हुए तथा 599 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।