पुणे के शनिवारवाड़ा परिसर में तीन महिलाओं ने पढ़ी नमाज, वीडियो वायरल, पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट

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पुणे के ऐतिहासिक शनिवारवाड़ा परिसर में नमाज अदा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी और अन्य संगठनों के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया है। पुणे सिटी पुलिस के अनुसार, संरक्षित स्मारकों पर लागू प्रतिबंधों का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष (एएमएएसआर) नियम, 1959 के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।यह घटना शनिवार दोपहर करीब 1.45 बजे हुई, जिसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक अधिकारी ने पुणे सिटी पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।

इस वीडियो के विरोध में रविवार को भाजपा सांसद (राज्यसभा) मेधा कुलकर्णी और शहर के दक्षिणपंथी संगठन के अन्य सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने नमाज़ अदा करने वाली जगह पर शुद्धिकरण की रस्में भी निभाईं। पुलिस ने शनिवारवाड़ा के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने एएमएएसआर नियमों की संबंधित धारा लागू की है, जो संरक्षित स्मारकों के भीतर निषिद्ध गतिविधियों से संबंधित दंड का प्रावधान करती है। इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने शनिवारवाड़ा में कथित तौर पर महिलाओं द्वारा नमाज़ अदा करने और भाजपा द्वारा वहाँ शुद्धिकरण करने वाले एक वायरल वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शनिवारवाड़ा हिंदू शौर्य का प्रतीक है और समुदाय के दिल के करीब है।

उन्होंने सवाल किया कि क्या मुसलमान हाजी अली में हिंदुओं द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ करने को स्वीकार करेंगे, और इस बात पर ज़ोर दिया कि नमाज़ निर्धारित स्थानों पर ही अदा की जानी चाहिए। राणे ने इस मुद्दे पर आवाज़ उठाने वाले हिंदू कार्यकर्ताओं का समर्थन किया। उन्होंने एएनआई से कहा, शनिवारवाड़ा का एक इतिहास है। यह हमारी वीरता का प्रतीक है। यह हिंदू समुदाय के दिल के बहुत करीब है। अगर आप वहाँ नमाज़ पढ़ना चाहते हैं, तो क्या आपको हिंदुओं का हाजी अली जाकर हनुमान चालीसा पढ़ना ठीक लगेगा? क्या आपकी भावनाएँ आहत नहीं होंगी?… नमाज़ सिर्फ़ निर्धारित जगहों पर ही पढ़नी चाहिए। अगर हिंदू कार्यकर्ताओं ने आवाज़ उठाई है, तो यह सही है।