छत्तीसगढ़ की मुख्य विपक्षी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन भाजपा ने मंत्रिपरिषद पर अविश्वास जताते हुए प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने भाजपा द्वारा पेश प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की है। उल्लेखनीय है कि 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में, कांग्रेस के 71 तथा भाजपा के 14 विधायक हैं। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ (जे) के तीन और बसपा के दो सदस्य हैं।
भाजपा ने बुधवार को विधानसभा सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा था। विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने बुधवार को कहा था कि भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर कानून-व्यवस्था की स्थिति और किसान के हित समेत सभी मोर्चों पर विफल होने का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। कौशिक ने यह भी कहा था राज्य में संवैधानिक संकट है। राज्य के एक मंत्री (पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग छोड़ने वाले टीएस सिंह देव का जिक्र करते हुए) ने सरकार में योजनाओं के कार्यान्वयन में हस्तक्षेप का हवाला देकर अपनी ही सरकार पर अविश्वास जताया है।