छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य में कथित शराब घोटाला मामले के आरोपी व्यवसायी अनवर ढेबर को अंतरिम जमानत दे दी। रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर को प्रवर्तन निदेशालय ने मई में गिरफ्तार किया था। ढेबर की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता मतीन सिद्धिकी और वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने बताया कि उच्च न्यायालय ने राज्य में कथित शराब घोटाला मामले के आरोपी ढेबर को अगली सुनवाई तक अंतरिम जमानत दी है। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। अधिवक्ताओं ने बताया कि कारोबारी अनवर ढेबर को छह मई को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में हैं।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय में सोमवार को न्यायमूर्ति दीपक तिवारी की एकल पीठ के समक्ष अनवर ढेबर की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। ढेबर के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों को राहत दी है। उन्होंने न्यायालय से ढेबर के गुर्दे और पित्त की थैली में पथरी की समस्या से पीड़ित होने के कारण अंतरिम जमानत की मांग की। ईडी के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया।
अधिवक्ताओं ने बताया कि न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में अगली सुनवाई तक अनवर ढेबर को अंतरिम जमानत दे दी है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को मामले में जवाब प्रस्तुत करने के लिए नोटिस भी जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। ईडी के मुताबिक एक सिंडिकेट द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब के व्यापार में एक बड़ा घोटाला हुआ है। जिसमें राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनीति से जुड़े लोग शामिल हैं। ईडी का आरोप है कि 2019-22 के बीच दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का भ्रष्टाचार किया गया। ईडी ने इस मामले में ढेबर समेत पांच लोगों गिरफ्तार किया है। मामले की जांच के दौरान ईडी ने अदालत में 13 हजार पन्नों का आरोप-पत्र पेश किया था। ईडी ने इस मामले में अनवर ढेबर सहित कुछ और कारोबारियों तथा अन्य लोगों को आरोपी बनाया है तथा उनकी संपत्ति कुर्क की है।