अगर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में जीती, तो भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे होंगे: सिंहदेव

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छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने रविवार को कहा कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ”सामूहिक नेतृत्व” में लड़ेगी और अगर पार्टी जीतती है, तो मुख्यमंत्री पद के लिए बघेल का नाम ”सबसे आगे” रहेगा। सिंहदेव ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि अगर किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को नहीं हटाया गया है, तो इसका मतलब है कि पार्टी उस व्यक्ति में अपना विश्वास व्यक्त करती है, जो टीम (पार्टी) को जीत दिलाने में सक्षम है और जीत के बाद ”कप्तान क्यों बदला जाना चाहिए। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि कांग्रेस को 90 सदस्यीय विधानसभा में एक और शानदार जनादेश मिलने की संभावना है। राज्य में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में प्रस्तावित है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुछ लोग उनकी पार्टी के लिए 75 से अधिक सीट का अनुमान लगा रहे हैं, लेकिन उनका अनुमान 60 से लेकर 75 सीट से अधिक का है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीट पर जीत दर्ज की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले महीने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद बघेल और उनके (सिंहदेव के) बीच तनाव अतीत की बात हो गई है, सिंहदेव ने कहा, ”वास्तव में कोई कड़वाहट या दुश्मनी नहीं थी, हम दोनों साथ मिलकर काम कर रहे थे। ढाई साल के कार्यकाल के लिए (मुख्यमंत्री पद) साझा करने का मुद्दा था और मुझे लगता है कि यह हमारे साथ-साथ हम दोनों से जुड़े हर किसी पर असर डाल रहा था। उन्होंने कहा, वह समय गुजर चुका है। यहां तक ​​कि जब उन मामलों पर चर्चा हो रही थी, तब भी हम अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल का कार्यकाल नहीं मिलने पर ‘विश्वासघात’ की भावना महसूस हुई, उन्होंने कहा, मैं इसे विश्वासघात के रूप में नहीं देखता हूं। मैं इसे एक निर्णय के रूप में देखता हूं जो आलाकमान लेता है, यह उनका फैसला है। सिंहदेव ने कहा, ”यह कोई विश्वासघात नहीं है क्योंकि यह आलाकमान का फैसला है और हम उसका पालन करते हैं। यह पूछे जाने पर कि वह उपमुख्यमंत्री बनाये जाने को तरक्की मिलने या किस रूप में देखते हैं, इस पर सिंहदेव ने कहा कि ‘प्रोटोकॉल’ के तहत वह पहले से ही मंत्रिमंडल में ‘नंबर दो’ (दूसरे स्थान पर) हैं। उन्होंने कहा, हमारे पास ये आधिकारिक प्रोटोकॉल हैं। इसलिए मुख्यमंत्री ने मुझे अपने बाद का स्थान दिया था। वह ‘नंबर एक’ हैं और मैं ‘नंबर 2’ हूं और ताम्रध्वज साहू जी ‘नंबर 3’ हैं। मैं अभी भी एक अतिरिक्त पदनाम के साथ ‘नंबर 2’ हूं। मैं उपमुख्यमंत्री हूं, इसलिए मुझे यकीन है कि अधिकतर लोग इसे पदोन्नति के रूप में देख रहे होंगे।

सिंहदेव ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, …अब मैं वह मंत्री हूं, जिन्हें उपमुख्यमंत्री भी नियुक्त किया गया है। मैं पार्टी आलाकमान और भूपेश भाई का बहुत आभारी हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या सभी मुद्दे अतीत की बात हो गए हैं और पार्टी छत्तीसगढ़ में एकजुट है, सिंहदेव ने दावा किया कि (पार्टी के) नेता पहले भी एकजुट थे। कांग्रेस नेता ने कहा, ”यह मुद्दा (बघेल-सिंहदेव के बारी-बारी से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने का) बार-बार प्रेस में आ रहा था, इसलिए निश्चित रूप से तनाव था। भूपेश भाई के लिए हर समय जवाब देना मुश्किल होता था। मेरे लिए भी इस संबंध में मीडिया या हमारे सहयोगियों को जवाब देने की कोशिश करना बहुत मुश्किल था। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें वास्तव में मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल का कार्यकाल देने का वादा किया गया था, सिंहदेव ने कहा कि ऐसी कई चर्चाएं हैं, जो बंद दरवाजों के पीछे होती हैं।

सिंहदेव ने कहा, ”पार्टी आलाकमान ने इस ढाई साल (के कार्यकाल) के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, इसलिए मैं कोई टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं। बंद दरवाजों के पीछे होने वाली चर्चाओं की गरिमा बनाई रखनी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव ”सामूहिक नेतृत्व” के तहत लड़ा जाएगा, सिंहदेव ने कहा कि 28 जून को जब राज्य के नेताओं ने यहां पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी, तब यह निर्णय लिया गया था कि चुनाव सामूहिक नेतृत्व के साथ लड़ा जाएगा, जिसकी अगुवाई भूपेश बघेल जी करेंगे। सिंहदेव ने कहा, ”जाहिर तौर पर अगर हम इस स्थिति में जीतते हैं, तो वह (बघेल) मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किए जाने वाले पहले व्यक्ति होंगे।

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