छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने राज्य में कथित शराब घोटाले के मामले में आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव को गिरफ्तार किया है। एक सरकारी अधिवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विशेष अभियोजन अधिकारी सौरभ पांडेय (एसीबी/ईओडब्ल्यू) ने बताया कि आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुण पति त्रिपाठी को राज्य में कथित शराब घोटाले में उनकी भूमिका के लिए बिहार से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर यहां लाया गया। पांडेय ने बताया कि एसीबी/ईओडब्ल्यू की विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी ने त्रिपाठी को 18 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा विशेष अदालत ने कथित शराब घोटाले में रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर तथा एक अन्य आरोपी अरविंद सिंह की हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी। पांडेय ने बताया कि दोनों को उनकी रिमांड खत्म होने के बाद शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया गया था। उन्होंने बताया कि एजेंसियों ने यह तर्क देते हुए ढेबर और सिंह की हिरासत बढ़ाने की मांग की कि दोनों ने अब तक की पूछताछ में सहयोग नहीं किया है। अनवर ढेबर और अरविंद सिंह के बाद त्रिपाठी की इस मामले में तीसरी गिरफ्तारी है। कथित शराब घोटाले में जनवरी 2024 में एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में कांग्रेस के कई नेताओं और कंपनियों सहित 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक रिपोर्ट के आधार पर ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। ईडी ने पूर्व में दावा किया था कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने निजी और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ मिलकर राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने और शराब के कारोबार में अपने लिए अवैध लाभ कमाने के लिए आपराधिक कृत्य किया था।