छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों को लेकर सोमवार को राज्य सरकार पर हमला बोला। भाजपा ने कहा कि गैर-छत्तीसगढ़िया उम्मीदवारों को नामांकित कर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के लोगों का अपमान किया है। छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस ने अगले महीने रिक्त हो रही राज्यसभा की दो सीटों के लिए वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला और बिहार की पूर्व सांसद रंजीत रंजन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा के हमले के बाद पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कांग्रेस की राज्य इकाई ने कहा कि भाजपा को इस पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय ने एक बयान जारी कर कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बताएं कि अब उनका तथाकथित छत्तीसगढ़ियावाद कहां चला गया है? कांग्रेस आलाकमान के आगे नतमस्तक होते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ के हितों से समझौता क्यों किया है? साय ने कहा, भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता की आंखों में धूल झोंकते हुए दिन में 10 बार छत्तीसगढ़िया-छत्तीसगढ़िया की रट लगाए रहते हैं। कभी भौरा चलाते हैं, कभी पिट्टू खेलते हैं। कभी कुछ और स्वांग करते हैं। लेकिन जब छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की बात आती है, तब भूपेश बघेल का स्वाभिमान 10 जनपद में गिरवी रख जाता है। यह कौन-सा छत्तीसगढ़ियावाद है, यह कौन-सी छत्तीसगढ़ की संस्कृति है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बताएं कि आखिर क्या वजह है कि उन्हें कृषि विश्वविद्यालय में तो छत्तीसगढ़िया कुलपति चाहिए होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ का राज्यसभा सांसद नहीं चाहिए होता है। पिछली बार तुलसी को राज्यसभा भेज दिया गया और वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का अपमान किया गया। क्या यही भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ प्रेम है?
वहीं, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा, राज्यसभा चुनाव के लिए प्रदेश के किसी भी कांग्रेसी को उम्मीदवार नहीं बनाया जाना छत्तीसगढ़ के जनमानस का अपमान है। क्या इस पूरे प्रदेश में कांग्रेस का एक भी योग्य उम्मीदवार नहीं है, जिसे राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया जा सकता था। उन्होंने कहा, एक बार फिर से कांग्रेस ने राज्य से बाहर का उम्मीदवार घोषित किया है। इससे यह साबित होता है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ के लोगों को प्रतिनिधित्व देना ही नहीं चाहती है। भाजपा नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, कांग्रेस आलाकमान द्वारा नामित दोनों उम्मीदवार योग्य, अनुभवी और समर्पित पार्टी कार्यकर्ता हैं। वे न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश से संबंधित मुद्दों को उठाएंगे।
शुक्ला ने कहा, भाजपा को पहले आत्म अवलोकन करना चाहिए कि वह राज्य में कहां ठहरती है। भाजपा राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों को नामित करने के बारे में सोचने की स्थिति में भी नहीं है। उसे कांग्रेस के फैसले पर आपत्ति क्यों है कांग्रेस नेता ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने राज्य के बाहर चुनाव लड़ा था। क्या उनके पास इसका जवाब है? भाजपा का यह अनावश्यक बयान उसकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है।
छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71, जबकि भाजपा के 14, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के तीन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो विधायक हैं। छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की पांच सीटें हैं, जिसमें से छाया वर्मा (कांग्रेस) और रामविचार नेताम (भाजपा) का कार्यकाल अगले माह समाप्त हो रहा है। वहीं, राज्य के तीन अन्य राज्यसभा सदस्यों में कांग्रेस के केटीएस तुलसी और फूलोदेवी नेताम तथा भाजपा की सरोज पांडेय शामिल हैं। विधानसभा में भाजपा सदस्यों की कम संख्या को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि पार्टी राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं उतारेगी।