छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पंडरापाठ क्षेत्र की अनुकूल जलवायु के मद्देनजर यहां करदना गांव के रंजनू चिक नामक एक किसान ने अपनी पांच एकड़ पहाड़ी भूमि पर सेव का बगान तैयार कर महज दो वर्ष में ही सेव की पैदावार भी ले ली है। जशपुर में शासकीय फलोद्यान अधिकारी संतोष बंजारा ने आज बताया कि जशपुर जिले के पंडरापाठ क्षेत्र में फलोद्यान की खेती के लिए बेहतरीन जलवायु है। उन्होंने बताया कि फलोद्यान विभाग ने भी पंडरापाठ क्षेत्र में दस एकड़ भूमि में सेव की खेती करने की तैयारी की है। दरअसल, जशपुर जिले के दूरस्थ गांवों में वनवासियों के लिए खेती किसानी, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा कार्य करने वाली समाज सेवी संस्था अखिल भारतीय कल्याण आश्रम ने इस किसान की फलोद्यान खेती में रुचि देखकर इसके लिए हिमाचल प्रदेश से 50 सेव के पौधे उपलब्ध कराए थे।
फलोद्यान खेती की सफलता के बाद अब रंजनू किसान अपने सेव बगान में अच्छी पैदावार देख कर जल्दी ही इस बगान का विस्तार करने की तैयारी में जुट गया है। यहां हिमाचल प्रदेश और कश्मीर की तरह सेव की अच्छी पैदावार देखकर अब आसपास के दर्जन भर गांव के अन्य किसानों ने सेव के पौधे रोपने की तैयारी शुरू कर दी है। पंडरापाठ अंचल में रसभरी नाशपाती और लीची, चीकू की शानदार पैदावार को देखकर ही इस किसान ने सेव की खेती करने का दृढ़ निश्चय किया था।