छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कल राज्य के कोरबा में एक जनसभा में लगाए एक एक आरोप का सोशल मीडिया में विस्तृत जवाब देते हुए कहा हैं कि सवालों से बचना-भागना कायरता है और हम भाजपा नहीं, कांग्रेस हैं। सीएम बघेल ने आज लिखे अपने फेसबुक पेज में कहा कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो हिस्सा हैं लेकिन आरोपों से बचना कायरता है। हम कांड वाली भाजपा सरकार नहीं बल्कि काम वाली कांग्रेस सरकार हैं। इसलिए मैं हर आरोप का जवाब स्वयं दे रहा हूं। उन्होंने गृहमंत्री शाह के वक्तव्य 2024 में नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाना है तो छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनानी होगी का जवाब देते हुए लिखा है कि गृहमंत्री जी, आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी- न नौमन तेल होगा, न राधा नाचेगी।आपको भी यह अच्छी तरह पता है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा का क्या हाल है। आपकी पार्टी ने और आपकी पार्टी के नेताओं ने 15 साल तक छत्तीसगढ़ को बहुत ठगा, अब यहां के लोग ठगाने वाले नहीं हैं।
उन्होंने अमित शाह के वक्तव्य प्रभु राम के ननिहाल में आया हूँ। कर्मा माता, राजिम माता सबको प्रणाम करता हूँ का जवाब देते हुए कहा कि आपको इस बात की याद आई कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। अब तो आपको यह भी याद आता होगा कि भगवान राम ने वनवास काल के 14 सालों में से 10 साल इसी छत्तीसगढ़ में गुजारे थे। लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ में 15 साल तक शासन करने के बाद आपकी सरकार ने भगवान राम की इस पुण्यभूमि के लिए किया क्या? आप लोग सिर्फ अयोध्या पर ही अटके रहे, क्योंकि आपके लिए वह राजनीतिक मुद्दा था।
सीएम बघेल ने लिखा कि छत्तीसगढ़ के रंग-रंग में प्रभु राम बसते हैं। वे यहां की संस्कृति में बसे हुए हैं। आप लोगों ने केवल और केवल इस पुण्य धरा को अपमानित किया। आप लोगों को केवल राजा राम याद रहे, हम लोग वनवासी राम को भी भजते हैं। आप लोगों को राम की आक्रमकता रही, हम लोग उनकी दयालुता, मिलनसारिता और सम-दृष्टि को अपने में आत्मसात किए हुए हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना हमारी सरकार ने बनाई, आपकी सरकार ने क्या किया। अच्छी बात है कि है कि आपको कर्मा माता, भक्तिन महतारी राजिम दाई की याद आई। क्या आप भूल गए कि आपकी सरकार ने ही राजिम मेले का नाम बदलकर कुंभ मेला करने का काम किया था। राजिम दाई का ऐसा अपमान यहां के लोग कैसे भूल सकते हैं।
सीएम बघेल ने अमित शाह के 15 साल में भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ को बीमारू राज्य से विकसित राज्य की ओर ले जाने के दावे का उत्तर देते हुए कहा भाजपा सरकार ने जब कामकाज संभाला तब राज्य निर्माण को केवल 03 साल हुए थे, और आप कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य था। शुरुआती तीन साल नए राज्य के विकास की अधोसंरचना तैयार करने के साल थे। छत्तीसगढ़ राज्य सभी तरह के संसाधनों और संभावनाओं से भरपूर राज्य था, लेकिन आपकी सरकार ने 15 साल तक न तो इन संसाधनों का सही उपयोग किया और न ही संभावनाओं का दोहन किया। 15 सालों में भाजपा सरकार ने सिर्फ और सिर्फ वही काम किए जिनमें कमीशन की गुंजाइश होती थी। याद रखिए कि रमन सिंह सरकार जब विदा हुई तो छत्तीसगढ़ देश का सबसे ग़रीब राज्य ही था।
उन्होंने अमित शाह के पैर में चप्पल से लेकर घर में बिजली तक पहुँचाने का काम करने के दावे का उत्तर देते हुए कहा कि यहां के आदिवासियों को बहुत अच्छी तरह याद है कि चप्पल बांटने के नाम पर आपकी सरकार आदिवासियों के साथ कैसा मजाक करती थी। उन्हें अच्छी तरह याद है कि अलग-अलग पैरों के लिए किस तरह अलग-अलग चप्पल बांटे जाते थे। आप सुकमा और गरियाबंद जैसे इलाकों के गांव वालों से पूछिए कि आपकी सरकार के कार्यकाल में उन्हें कितनी बिजली मिलती थी। ऐसे गांवों तक बिजली की लाइनें तक पहुंच नहीं पाई थी। दुर्गम से दुर्गम इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम हमारी सरकार ने किया। आज यदि अबूझमाड़ जैसे इलाकों के किसान सौर-बिजली का लाभ उठा पा रहे हैं, तो यह काम हमारी सरकार ने किया है, न कि आपकी सरकार ने।
सीएम बघेल ने शाह के डबल इंजन की सरकार रहेगी तो राज्य का तेजी से विकास होगा के दावे का उत्तर देते हुए कहा कि डबल इंजन का जुमला छत्तीसगढ़ के लोगों ने पहले भी सुना है और साक्षात भोगा भी है। छत्तीसगढ़ की ट्रेन में यह डबल इंजन अलग-अलग दिशाओं में लगा था और ट्रेन को अलग-अलग दिशा में खींचता था।वे जानते हैं कि किसानों का बोनस कौन रोकता है, मनरेगा का भुगतान कौन रोकता है और जीएसटी को लेकर परेशान कौन करता है।
शाह के भाजपा ही आदिवासी व पिछड़े वर्ग के लिए काम करती है और कांग्रेस केवल बात करती है, के दावे पर सीएम बघेल ने कहा कि गृहमंत्री जी, कृपा कर मजाक मत कीजिए। यहां के आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग अच्छी तरह देख रहे हैं कि कांग्रेस द्वारा पारित कराए गए आरक्षण विधेयक का राजभवन में क्या हश्र हो रहा है। यह बात किसी से छिपी हुई नहीं है कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के प्रभाव और दबाव में ही आरक्षण विधेयक को लटाए हुए हैं। कृपाकर उन तक संदेश पहुंचाइए कि यह भारतीय जनता पार्टी के हित में नहीं है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर बेनकाब हो चुकी है।
शाह के छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार आई तो भूपेश को देना होगा पाई-पाई का हिसाब के कथन का उत्तर देते हुए श्री बघेल ने कहा कि मेरा कार्यकाल खुली किताब है। हम यहां के लोगों को बिना मांगे ही पाई-पाई का हिसाब देते आए हैं। फिलहाल तो रमन सिंह से उनके कार्यकाल का हिसाब मांगिए। रायपुर के स्काई वॉक घोटाले का, खाद्यान्न घोटाले का, मोबाइल घोटले का क्या हिसाब है उनके पास। हमारी सरकार ने चार साल में गरीबों और वंचित समाज के लोगों के बैंक खातों में डेढ़ लाख करोड़ रुपए सीधे पहुंचाए हैं। आपकी सरकार ने क्या किया ?
सीएम बघेल ने शाह के भूपेश भैया चुनाव आ गया है जनता को क्या जवाब दोगे? के वक्तव्य का जवाब देते हुए कहा कि जनता तो जवाब आपसे मांगेगी कि भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में जो काम केवल चार साल में करके दिखा दिए, उन्हें आपकी सरकार 15 सालों में क्यों नहीं कर पाई। जवाब देने की तैयारी आपको करनी चाहिए। मुझे मालूम है कि आप लोगों के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
शाह के चाउर वाले बाबा ने दिया चावल, कांग्रेस वाले बाबा खा रहे हैं,के वक्तव्य का उत्तर देते हुए सीएम बघेल ने कहा कि नान घोटाला, धान घोटाला, चिटफंड घोटाला, पनामा घोटाला का खलनायक कौन है, यह भी आपको बताना चाहिए। तभी पता चल सकेगा कि गरीबों का राशन और गरीबों की कमाई कौन खा जाता था। आपकी सरकार में फर्जी चिटफंड कंपनियों को किन संरक्षण प्राप्त था। आपकी सरकार के कार्यकाल में चिडपंड कंपनियों के ठगी के शिकार हुए लोगों को 40 करोड़ रुपए वापस दिलाने का काम हमारी सरकार ने किया।
उन्होने श्री शाह के राज्य में नक्सली घटनाओं में कमी के दावे का उत्तर देते हुए श्रई बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में यदि नक्सल घटनाएं कम हुई हैं तो यह आपके कारण नहीं है, बल्कि कांग्रेस की विकास, वश्विास और सुरक्षा की नीति के कारण है। जब प्रदेश में आपकी सरकार थी तब नक्सलियों के आतंक के कारण स्कूल तक बंद हो रहे थे। हमारी सरकार आने पर इन बंद स्कूलों को फिर से शुरू करवाया गया। आपकी सरकार के कार्यकाल में नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में हाट-बाजार तक नहीं लग पाते थे, आज हमारी सरकार के कार्यकाल में हाट-बाजारों के माध्यम से चिकत्सिा सुविधा दुर्गम से दुर्गम गांवों तक पहुंच रही है।