छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के भाजपा नेताओं के केन्द्र से भरपूर राशि मिलने के दावे को दुष्प्रचार करार देते हुए कहा कि सच्चाई तो यह हैं कि राज्य को नियमों के मुताबिक मिलने वाली राशि भी नही मिल रही हैं। सीएम बघेल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरूण साव के इस सम्बन्ध में दिए बयान पर उन पर निशाना साधते हुए पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केन्द्र तमाम प्रयासों के बाद भी कोयले की रायल्टी की 4177 करोड़ रूपए की राशि राज्य को नही दे रहा हैं, जीएसटी की राशि में राज्य का हिस्सा नही मिल रहा है। बिलासपुर से साव सांसद है और बिलासपुर रेलवे जोन मुख्यालय से कोरेना काल के समय रद्द हुई कई ट्रेने अभी तक रद्द है, और कोयले की ढुलाई के नाम पर भी तमाम ट्रेने रद्द की गई, लेकिन उऩ्होने इसे लेकर कभी आवाज नही उठाई।
उन्होंने कहा कि अगर साव राज्य के हितैषी है तो उन्हे केन्द्र से लंबित राशि तुरंत दिलवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी है और संविधान के मुताबिक राज्यों को उसमें हिस्सेदारी देनी है। यह कोई एहसान नही है। उन्होंने कहा कि चार वर्ष तक भाजपा नेता सोए हुए थे अब जब चुनाव वर्ष आया और नए प्रभारी माथुर जी आए तो उनको खुश करने के लिए कुछ भी आरोप मढ़ने की होड़ मची हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के भाजपा नेताओं में गुजरात माडल के राज्य में भी प्रयोग होने की संभावना के चलते टिकट कटने का भय है और उनको तो चिंता हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी टिकट बचा पायेंगे या नही।
सीएम बघेल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भाजपा के लोग केवल बयानबाजी करते है। किसानों की आय को वह तो दोगुनी करने का बड़े जोरशोर से दावा करते थे लेकिन यह केवल हवा हवाई ही साबित हुआ है।सच यह है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किसानों की आय दोगुना कर दिखाया है। फसलों के लाभकारी मूल्य और अन्य रियायते मिलने से पिछले चार वर्षों में खेती करने वाले किसानों की संख्या में लगभग 10 लाख की बढ़ोत्तरी हुई है। खेती का रकबा बढ़ा है। इस वर्ष अभी तक रिकार्ड 100 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीद होना इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।