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हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है छत्तीसगढ़ सरकार : सीएम साय

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच बड़ा बयान देते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार पूरी तरह सतर्क है और हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। राज्य में मॉक ड्रिल भी की गई हैं। सीएम साय ने शनिवार को कहा कि जैसे-जैसे केंद्र से निर्देश मिल रहे हैं, हम उनका सख्ती से पालन कर रहे हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र सरकार से मिले सभी दिशा-निर्देशों के अनुरूप काम कर रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तथा सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपातकालीन तैयारी से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें सिविल डिफेंस एक्ट के तहत आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है। सीएम साय ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा की घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्क रहना ज़रूरी है। राज्य सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है।

छत्तीसगढ़ में समस्याओं का समाधान करने के लिए लोगों के बीच पहुंच रही सरकार : सीएम साय

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को ‘सुशासन तिहार’ के अंतर्गत गरियाबंद जिले की ग्राम पंचायत मड़ेली में आयोजित ‘समाधान शिविर’ को संबोधित करते हुए कहा कि ईमानदारी से काम करने वाली सरकार ही जनता के सामने अपना ‘रिपोर्ट कार्ड’ रख सकती है। हमने ये काम किया है। हमारी ‘पारदर्शी सरकार’ सुशासन तिहार के माध्यम से समस्याओं का समाधान करने के लिए आपके बीच पहुंच रही है। विष्णु साय ने कहा कि सुशासन तिहार के तीसरे चरण के पांचवें दिन आज 10 वें जिले में आप सभी के बीच आया हूं ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत का पता चल सके। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 75 करोड़ की लागत से ग्राम पंचायत मड़ेली में 132 केवी सब स्टेशन और विद्वुत लाइन विस्तार तथा 147 करोड़ रुपए की लागत से राजिम से छुरा (बेलटुकरी होते हुए) 43 किमी सड़क चौड़ीकरण और पिपरछेड़ी जलाशय के अधूरे निर्माण को पूर्ण कराए जाने की बड़ी घोषणा की।

विष्णु साय ने भगवान राजीव लोचन के जयकारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को लगभग डेढ़ साल पूरे होने वाले है। इस दौरान हम मोदी की सभी गारंटियों को पूरा करने का काम कर रहे हैं। विष्णु साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने सभी से वादा किया था कि सरकार बनते ही मुख्यमंत्री का पहला काम होगा कि वे सभी गरीब व जरूरतमंद परिवारों को पक्का छत मुहैया कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट में 18 लाख गरीब परिवारों के आवास को स्वीकृति दी थी और लगातार अब भी आवास देने का काम कर रहे हैं। विष्णु साय ने कहा कि आगामी 13 तारीख को केंद्रीय पंचायत मंत्री की मौजूदगी में 3.5 लाख आवास गरीब परिवारों को और मिलने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि आवास प्लस प्लस की सर्वे तिथि को भी बढ़ा दिया गया है और आवास की पात्रता नियमों को भी शिथिल कर दिया गया है। उन्होंने सभी से आवास प्लस प्लस सर्वे में शामिल होने का आग्रह किया। विष्णु साय ने कहा कि हमारी सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, धान के बकाया बोनस की राशि देने और महतारी वंदन योजना के माध्यम से प्रदेश की माताओं-बहनों को आर्थिक संबल देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि रामलला दर्शन योजना और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से हम अपने प्रदेशवासियों और वृद्धजनों को तीर्थ यात्रा करवा रहे हैं। उन्होंने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ लेने को कहा। समाधान शिविर में मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल और विभन्नि योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को अन्य उपकरण और सामग्रियां वितरित किए। उन्होंने विभागीय स्टालों का दौरा कर अधिकारियों से आवेदनों के निराकरण की जानकारी ली और लंबित आवेदनों का निराकरण करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन कराया और गर्भवती माताओं की गोद भराई की रस्म में भी शामिल हुए।

पूर्व सीएम बघेल के विस निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर रोक लगाने से हाई कोर्ट का इंकार

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व पाटन विधायक भूपेश बघेल के 2023 विधानसभा निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। अब बघेल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। अदालत ने बघेल को चुनाव याचिका के तकनीकी बिंदुओं को लेकर दायर याचिका के खारिज करने की मांग खारिज कर दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी। पाटन विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता और चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए दुर्ग से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद विजय बघेल, जो पाटन विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी थे, ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की है।

याचिका में भूपेश बघेल के द्वारा भ्रष्ट आचरण किए जाने संबंधी कई दस्तावेज़ों का उल्लेख करते हुए उनका निर्वाचन रद्द करने की मांग की गई है। बघेल की ओर से तकनीकी और अन्य आपत्तियों के आधार पर इस चुनाव याचिका को खारिज करने की मांग की गई है। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवद्रिं कुमार अग्रवाल ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। अब विजय बघेल द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। अदालत ने अपने नर्णिय में लिखा है, चुनाव याचिका में पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है और इसे इस स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में नाबालिग किशोर ने की व्यक्ति की हत्या

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नाबालिग किशोर ने 40 साल के एक व्यक्ति की भारी हथियार से सिर पर वार कर हत्या कर दी। पुलिस नाबालिग को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। मामला जामुल थाना के ग्राम पंचायत मुड़पार का है। मुड़पार गांव के रहने वाले 40 वर्षीय सचिन यादव की गुरुवार की रात करीब 11.30 बजे उनके घर से कुछ ही दूरी पर हत्या कर दी गई। आरोपी गांव का ही एक नाबालिग किशोर है।

जानकारी के अनुसार, सचिन और नाबालिग के बीच किसी बात को लेकर पहले से विवाद चल रहा था। सचिन ने इस विवाद को लेकर खुद नाबालिग को बातचीत के लिए बुलाया था। किशोर अपने भतीजे के साथ गुरुवार की रात करीब 11.30 बजे वहां पहुंचा। इसी बीच बातचीत के दौरान दोनों के बीच कहासुनी हो गई। विवाद इतना बिगड़ गया कि दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। सचिन ने नाबालिग को लाठी-डंडे से मारपीट किया। इसी बीच मौका पाते ही नाबालिग ने गुस्से में आकर किसी भारी हथियार से सचिन के सिर पर हमला कर दिया। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

छत्तीसगढ़ के मुलुगु जिले में बारुदी सुरंग विस्फोट में तीन पुलिसकर्मी शहीद

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती मुलुगु जिले में एक बारूदी सुरंग में विस्फोट से तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए और कई घायल हो गए है। यह घटना वेंकटपुरम के निकट वन क्षेत्र में घटी। पुलिस की तलाशी के दौरान माओवादियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट किया। तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर चलाए जा रहे ऑपरेशन कगार की पृष्ठभूमि में बारूदी सुरंग विस्फोट से हलचल मच गई है। नक्सलियों को उनके मांद में डीआरजी कोबरा, सीआरपीएफ और एसटीएफ़ के बहादुर जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आखिरी गढ़ कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर जमा नक्सलियों को छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी प्रदेश तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की ओर से सुरक्षाबलों ने घेर रखा है। इस ऑपरेशन पर दल्लिी से सीआरपीएफ के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह नजर बनाए हुए थे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के एडीजी नक्सल ऑप्श विवेकानंद सन्हिा, सीआरपीएफ आईजी राकेश अग्रवाल व बस्तर आईजी पी. सुंदरराज मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई: सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 22 नक्सलियों को किया ढेर

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर की कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर जारी ‘नक्सल उन्मूलन ऑपरेशन’ के सोलहवें दिन बुधवार को सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली जब उन्होंने मुठभेड़ में 20 से 22 नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया। इनमें से अब तक 18 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। नक्सलियों के मूवमेंट की पुष्टि ड्रोन कैमरे से लिए फोटो में भी हो रही है। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आखिरी गढ़ कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर जमा नक्सलियों को सुरक्षाबलो ने चौतरफा घेरे हुए हैं। इस ऑपरेशन पर दल्लिी से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भी नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के अतिरक्ति पुलिस महानिदेशक (एडीजी) (नक्सल ऑप्श) विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (आईजी) राकेश अग्रवाल व बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज भी मुठभेड़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उम्मीद है शाम तक जवान ऐतिहासिक सफलता की ओर बढ़ सकते हैं।

नक्सलियों को उनके मांद में डीआरजी कोबरा, सीआरपीएफ और एसटीएफ़ के बहादुर जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी के पास सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ अभी जारी है। सुरक्षा बलों द्वारा बड़े स्तर पर नक्सल-विरोधी ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बीजापुर जिले और उससे सटे तेलंगाना सीमा पर पिछले सोलह दिनों नक्सली अभियान जारी है। इस अभियान के तहत बुधवार सुबह से पुलिस और नक्सलियों के बीच भारी गोलाबारी हो रही है। छत्तीसगढ़ के अतिरक्ति पुलिस महानिदेशक विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि अब तक पुलिस ने 18 नक्सलियों के शव बरामद किए है। गोली बारी जारी है।

इधर बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने जारी बयान में कहा है कि आज ऑपरेशन संकल्प के अच्छे परिणाम की अपेक्षा है। सभी सुरक्षाबल सुरक्षित हैं और बस्तर क्षेत्र को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं। चूंकि ऑपरेशन प्रगति पर है सुरक्षा कारणों से इस समय संपूर्ण जानकारी साझा नहीं की जा सकती। उपयुक्त समय पर अधिकृत पदाधिकारी आवश्यक जानकारी साझा करेंगे।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल रोधी अभियान में एक महिला नक्सली का शव बरामद

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पिछले दो सप्ताह से जारी नक्सल रोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने सोमवार को हुई एक मुठभेड़ में एक महिला नक्सली को मार गिराया। इस अभियान के दौरान अब तक चार महिला नक्सलियों के शव बरामद किये गए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा स्थित पहाड़ियों में 21 अप्रैल को ‘मिशन संकल्प’ नामक अभियान शुरू किया गया था, जिसमें लगभग 24 हजार जवान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान सोमवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक महिला नक्सली को मार गिराया। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से महिला नक्सली का शव और 303 राइफल बरामद की है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से मिले निशान से अन्य नक्सलियों के भी मारे जाने और घायल होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि अब तक इस अभियान के दौरान पिछले 12 दिनों में चार महिला नक्सलियों के शव और अनेक हथियार बरामद किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले के दक्षिण पश्चिम सीमावर्ती क्षेत्र अंतर्गत जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षा बल के जवानों को नक्सल रोधी अभियान पर रवाना किया गया था। उन्होंने बताया कि बस्तर क्षेत्र में शुरू किए गए सबसे बड़े नक्सल रोधी अभियानों में से एक इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स और छत्तीसगढ़ पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) के जवान समेत विभिन्न इकाइयों के जवान शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान अंतरराज्यीय सीमा पर बीजापुर (छत्तीसगढ़) और मुलुगु तथा भद्राद्री-कोठागुडेम (तेलंगाना) के दोनों ओर लगभग आठ सौ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले दुर्गम इलाके और घने जंगल में जारी है। उन्होंने बताया कि यह स्थान राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर दूर स्थित है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी इस महत्वपूर्ण अभियान में अब तक सैकड़ों नक्सली ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान विभिन्न नक्सली ठिकानों और बंकरों से हजारों किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, राशन सामग्री, दवाएं, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और डेटोनेटर भी बरामद किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया, ”वर्तमान में जारी इस नक्सल रोधी अभियान से प्राप्त सभी तथ्यों और जानकारियों पर विचार करने के बाद अनुमान है कि अभियान के दौरान कई कुख्यात नक्सली या तो मारे गए हैं अथवा गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सुरक्षाबल मारे गए नक्सलियों के शव बरामद नहीं कर पाए हैं।” उन्होंने बताया, ”अब तक इस अभियान के दौरान कुल चार नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से तीन शव 24 अप्रैल को तथा एक शव पांच मई को बरामद किया गया।” अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों के अभियान के दौरान बारूदी सुरंग में विस्फोट की घटनाओं में कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के कुछ जवान घायल हुए हैं। सभी घायल जवान अब खतरे से बाहर हैं और विभिन्न अस्पतालों में उनका उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और अनेक चुनौतियों के बावजूद, सुरक्षा बल वाम उग्रवाद के खिलाफ इस निर्णायक अभियान को पूरी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अभियान लगातार जारी है। अधिकारियों ने बताया कि जिस इलाके में अभियान चल रहा है वह पहाड़ियों के अलावा घने जंगलों से घिरा हुआ है तथा इसे माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर एक का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है कि माओवादियों की पीएलजीए बटालियन नंबर एक, तेलंगाना राज्य समिति और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के पांच सौ से अधिक नक्सली अपने नेताओं के साथ इलाके में बैठक के लिए एकत्र हुए थे तथा छिपे हुए थे। उन्होंने बताया कि इनमें नक्सलियों की केंद्रीय समिति के सदस्य चंद्रना, रामचंद्र रेड्डी, सुजाता, हिडमा और पीएलजीए बटालियन कमांडर बरसे देवा शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों ने नक्सल रोधी अभियान के दौरान पिछले चार माह में 129 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया है। उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग में बीजापुर समेत सात जिले शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने उप सरपंच की हत्या की

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सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने एक गांव के उप सरपंच की हत्या कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बेनपल्ली गांव में सोमवार को नक्सलियों ने तारलागुड़ा गांव के उप सरपंच मुचाकी रामा की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि रामा बेनपल्ली गांव के निवासी थे तथा वह तारलागुड़ा गांव में उप सरपंच थे।

पुलिस के मुताबिक सोमवार को दोपहर बाद लगभग तीन बजे हथियारबंद नक्सली बेनपल्ली गांव पहुंचे और उन्होंने रामा को बुलाया और उनकी हत्या कर दी। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को जब घटना की सूचना मिली तब पुलिस दल को बेनपल्ली गांव रवाना किया गया तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। उन्होंने बताया कि पुलिस दल ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने हमलावरों की खोज शुरू कर दी है।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ईडी बेबुनियाद आरोप लगा रहा

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उच्चतम न्यायालय ने शराब घोटाला मामले में एक आरोपी के खिलाफ ”बिना किसी सबूत” के आरोप लगाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सोमवार को फटकार लगाई और कहा कि यह एक चलन बन गया है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ छत्तीसगढ़ में कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में अरविंद सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा, ”ईडी ने कई मामलों में यही तरीका अपनाया है। आप बिना किसी सबूत के सिर्फ आरोप लगाते हैं। अभियोजन इस तरीके से अदालत के सामने टिक नहीं पाएगा।” सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने आरोप लगाया कि सिंह ने विकास अग्रवाल नामक एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलीभगत करके 40 करोड़ रुपये कमाए। जब अदालत ने पूछा कि क्या अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है, तो राजू ने जवाब दिया कि वह फरार है। पीठ ने कहा, ”आपने एक विशिष्ट आरोप लगाया है कि उन्होंने (सिंह ने) 40 करोड़ रुपये कमाए। अब आप इस व्यक्ति का इस या किसी अन्य कंपनी से संबंध नहीं दिखा पा रहे हैं।” अदालत ने कहा, ”आपको यह बताना चाहिए कि क्या वह उन कंपनियों के निदेशक हैं, क्या वह बहुलांश शेयरधारक हैं, क्या वह प्रबंध निदेशक हैं।

कुछ तो होना ही चाहिए।” राजू ने कहा कि कोई व्यक्ति किसी कंपनी को नियंत्रित कर सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि वह कंपनी के संचालन के लिए जिम्मेदार हो। शीर्ष अदालत ने कहा कि एजेंसी बेबुनियाद आरोप लगा रही है। मामले की अगली सुनवाई नौ मई को होगी। शीर्ष अदालत ने 28 अप्रैल को छत्तीसगढ़ सरकार की खिंचाई करते हुए पूछा था कि वह राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा दर्ज शराब घोटाला मामले में आरोपी को कब तक जेल में रखेगी। अदालत ने उल्लेख किया था कि मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं और जांच अब भी जारी है। पीठ ने मौखिक टिप्पणी में कहा था, ”जांच अपनी गति से चलती रहेगी। यह अनंत काल तक चलती रहेगी। तीन आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। आप व्यक्ति को हिरासत में रखकर एक तरह से उसे दंडित कर रहे हैं। आपने प्रक्रिया को ही सजा बना दिया है। यह कोई आतंकवादी या तिहरे हत्याकांड का मामला नहीं है।” राज्य सरकार ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपी का मामले में अन्य आरोपियों के साथ आमना-सामना कराया जाएगा। आरोपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने दलील दी थी कि मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं और आरोप अभी तय नहीं किए गए हैं।

शीर्ष अदालत ने अरविंद सिंह और अमित सिंह का पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से आमना-सामना कराने की अनुमति दे दी और मामले की अगली सुनवाई नौ मई के लिए तय की। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि यह घोटाला राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और नेताओं के एक सिंडिकेट द्वारा अंजाम दिया गया, जिसने 2019-22 में भ्रष्ट तरीके से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि अर्जित की। धनशोधन का यह मामला 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दाखिल आयकर विभाग के आरोपपत्र पर आधारित है। ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य में शराब बनाने वाली कंपनियों से सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) के जरिये खरीदी गई शराब के आधार पर रिश्वत ली गई और देशी शराब की बिक्री की गई, जिसका बही खाते में कोई जिक्र नहीं था। ईडी के अनुसार, शराब कंपनियों से रिश्वत ली गई, ताकि उन्हें गिरोह बनाने और एक निश्चित बाजार हिस्सेदारी रखने की अनुमति मिल सके।

छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर प्रेशर बम विस्फोट में एसटीएफ के दो जवान घायल

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पिछले दो सप्ताह से जारी अभियान के दौरान नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम की चपेट में आने से रविवार को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के दो जवान घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ 21 अप्रैल को ‘मिशन संकल्प’ नामक अभियान शुरू किया गया, जिसमें लगभग 24 हजार जवान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान रविवार को प्रेशर बम में विस्फोट होने से एसटीएफ के दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया, ”घायल जवानों का स्थानीय अस्पताल में इलाज किया गया तथा बेहतर चिकित्सा के लिए रायपुर के अस्पताल में भेजा गया है।” उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से अब तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान समेत कुल छह जवान घायल हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में शुरू किए गए सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियानों में से एक इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स और छत्तीसगढ़ पुलिस के एसटीएफ, सीआरपीएफ और कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) के जवान समेत विभिन्न इकाइयों के जवान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान अंतरराज्यीय सीमा पर बीजापुर (छत्तीसगढ़) और मुलुगु तथा भद्राद्री-कोठागुडेम (तेलंगाना) के दोनों ओर लगभग आठ सौ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले दुर्गम इलाके और घने जंगल में जारी है। यह स्थान राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर दूर है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ”अभियान अपने चरम पर पहुंच गया है और अब तक लगभग 75 प्रतिशत क्षेत्र की घेराबंदी और बारूदी सुरंगें हटा दी गई हैं। अभियान का अंतिम चरण इस सप्ताह के अंत तक समाप्त होने की संभावना है।” उन्होंने कहा, ”नक्सल विरोधी अभियान का नतीजा केवल मारे गए नक्सलियों की संख्या या बरामद हथियारों की संख्या से ही तय नहीं होता। प्रतिबंधित माओवादी संगठन के कब्जे से इलाके को मुक्त कराना और स्थानीय आबादी के लिए फिर से जमीन को सुरक्षित बनाना भी अभियान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।

अधिकारियों ने बताया कि 24 अप्रैल को कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया गया और अभियान के दौरान हथियार, विस्फोटक और अन्य सामान का जखीरा बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि जिस इलाके में अभियान जारी है वह पहाड़ियों के अलावा घने जंगलों से घिरा हुआ है तथा इसे माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर एक का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। बटालियन नंबर एक माओवादियों का सबसे मजबूत हथियारबंद गठन है। अधिकारियों ने बताया कि जानकारी मिली है कि माओवादियों की पीएलजीए बटालियन नंबर एक, तेलंगाना राज्य समिति और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के पांच सौ से अधिक नक्सली अपने नेताओं के साथ इलाके में बैठक के लिए एकत्र हुए थे तथा छिपे हुए थे। इनमें केंद्रीय समिति के सदस्य चंद्रना, रामचंद्र रेड्डी, सुजाता, हिडमा और पीएलजीए बटालियन कमांडर बरसे देवा शामिल है।