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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो नक्सली ढेर

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शुक्रवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि जिले के उसूर-बासागुड़ा-पामेड़ क्षेत्र के जंगल में हुई इस मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए। सुंदरराज ने बताया कि जिले के उसूर-बासागुड़ा-पामेड़ क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के लिए भेजा गया था। उन्होंने बताया कि इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कोबरा बटालियन के जवान शामिल थे।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि दल जब आज पूर्वाह्र 11 बजे क्षेत्र में था तब माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि गोलीबारी बंद होने के बाद घटनास्थल से दो नक्सलियों के शव, एक सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), हथगोला और स्थानीय रूप से निर्मित हथियार बरामद किए गए। सुंदरराज ने बताया कि इलाके में अभी भी तलाशी अभियान जारी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना के साथ ही छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में 191 नक्सलियों को मार गिराया है। इससे पहले, चार अक्टूबर को सुरक्षाबलों ने क्षेत्र के नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर स्थित एक जंगल में हुई मुठभेड़ के बाद 31 नक्सलियों के शव बरामद किए थे।

चुनावी तैयारियों के तहत ‘आप’ 11 नवंबर से जिला स्तरीय पदाधिकारियों की शुरू करेगी बैठक

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दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को तेज करने के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को कहा कि वह 11 नवंबर से अपने जिला और बूथ स्तर के पदाधिकारियों का सम्मेलन आयोजित करेगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले वर्ष फरवरी में होने हैं। ‘आप’ के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा, “चुनाव की तैयारियों को तेज करने और अपने जिला ‍‍‍‍‍व बूथ स्तर के पदाधिकारियों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए 11 नवंबर से जिला पदाधिकारी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।” राय ने कहा कि जिला स्तरीय बैठकों के साथ-साथ ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल की पदयात्राएं भी जारी रहेंगी। ‘आप’ सरकार में मंत्री राय ने कहा कि इन बैठकों में जिला और बूथ स्तर के करीब एक लाख पदाधिकारी शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर से वह (केजरीवाल) अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में आप के चुनाव अभियान की कमान संभालेंगे।

छत्तीसगढ में करंट से हाथियों की मौत, हाई कोर्ट ने ऊर्जा विभाग से कार्रवाई के बारे में पूछा

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य में करंट लगने से हाथियों और अन्य वन्य जीवों की मौत की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए ऊर्जा विभाग से स्पष्टीकरण मांगा तथा पूछा है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की युगल पीठ ने राज्य के विभिन्न इलाकों में करंट लगने से हाथियों तथा अन्य वन्य जीवों की मौत की घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लिया है और जनहित याचिका के तौर पर मामले की सुनवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि अदालत ने रायगढ़ जिले में तीन हाथियों की मौत के बाद राज्य के ऊर्जा विभाग के सचिव और विद्युत वितरण कंपनी, रायपुर के प्रबंध निदेशक से स्पष्टीकरण भी मांगा है।

उच्च न्यायालय ने पूछा है कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए क्या आवश्यक सुधार किये गए हैं तथा इन मामलों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। मामले में अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीठ ने सोमवार को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दर्ज करके सुनवाई की। वेबसाइट के अनुसार, विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों में कहा गया है कि विगत दिनों रायगढ़ वन मंडल के चुहकीमार वन क्षेत्र में एक शावक सहित तीन मादा हाथियों की करंट लगने से मौत हो गई। उच्च न्यायालय ने कहा कि जब ये तीन हाथी 11 केवी के बिजली के तार के संपर्क में आए तो उनकी मौत हो गई।

ये तार जमीन से बमुश्किल तीन-चार मीटर ऊपर लटके थे। अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट नियम है कि कृषि क्षेत्र और जंगल से गुजरने वाले बिजली के तार जमीन से कम से कम 7.5 मीटर ऊंचाई पर होने चाहिए और बिजली के खुले तारों की जगह इंसुलेटेड केबल का उपयोग किया जाना चाहिए। इसी दौरान रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने अपने अधिवक्ता सूर्या कवलकर डांगी के माध्यम से एक आवेदन दाखिल कर बताया कि एक नवंबर 2024 को बिलासपुर वन मंडल के तखतपुर वन परिक्षेत्र में करंट लगने से हाथी के एक बच्चे की मौत हो गई। अदालत ने कहा कि वर्ष 2001 के बाद से अब तक राज्य में 78 हाथियों की मौत हो चुकी है। इससे पहले 10 अक्टूबर को कांकेर में करंट लगने से तीन भालुओं की भी मौत हो गई थी। वहीं अक्टूबर माह में ही वन्यजीवों के शिकार के लिए बिछाए गए बिजली के तारों की चपेट में आकर तीन लोगों की भी मौत हो चुकी है।

छत्तीसगढ़ में ग्राहक सेवा केंद्र में लूटपाट की कोशिश, संचालक की दादी की गोली मारकर हत्या

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छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में लुटेरों ने ग्राहक सेवा केंद्र में लूटपाट की कोशिश के दौरान एक बुजुर्ग महिला की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि इस घटना में महिला का पोता घायल हो गया। जशपुर के पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि जिले के कांसाबेल थाना क्षेत्र के बटईकेला गांव में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक संजू गुप्ता (25) की दुकान में दो लुटेरों ने मंगलवार दोपहर लूटपाट की कोशिश की। सिंह के मुताबिक, लुटेरों ने संजू की दादी उर्मिला गुप्ता (65) की गोली मारकर हत्या कर दी।

उन्होंने बताया कि घटना में संजू को भी चोट पहुंची है। सिंह के अनुसार, दोपहर लगभग 12 बजे मोटरसाइकिल सवार दो नकाबपोश हमलावर गांव पहुंचे और ग्राहक सेवा केंद्र में घुसकर लूटपाट की कोशिश करने लगे। उन्होंने बताया, “जब केंद्र के संचालक संजू ने विरोध किया, तो लूटेरे देशी कट्टा दिखाकर उसे धमकाने लगे। इस दौरान, संजू की दादी उर्मिला वहां पहुंची और लूटेरों से कट्टा छीनने की कोशिश करने लगी। तभी एक लूटेरे ने उर्मिला को गोली मार दी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।” सिंह के मुताबिक, लुटेरों ने संजू पर कट्टे की बट से हमला किया है, जिससे वह घायल हो गया है।

उन्होंने बताया कि जब लुटेरे वहां से भाग रहे थे, तब आसपास के लोगों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन लुटेरों ने उन पर भी हमले का प्रयास किया और मोटरसाइकिल छोड़कर जंगल की ओर भाग गए। सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया और घायल युवक को अस्पताल भेजा गया। घायल संजू का इलाज किया गया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर हमलावरों की खोज शुरू कर दी गई है।

छत्तीसगढ़ नान घोटाला : दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों और पूर्व एजी के खिलाफ मामला दर्ज

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों और राज्य के पूर्व महाधिवक्ता के खिलाफ करोड़ों रुपये के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले के मामलों की जांच और सुनवाई को प्रभावित करने के लिए अपने पदों का दुरुपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह तीनों पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान पद पर थे। ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राज्य की एजेंसी को उपलब्ध कराई गई एक रिपोर्ट और दस्तावेजों के आधार पर सोमवार को दो पूर्व आईएएस अधिकारियों और नान घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला तथा पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

अधिकारी ने बताया कि तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले (नान घोटाला) में राज्य के एसीबी/ईओडब्ल्यू और ईडी द्वारा दर्ज मामलों के आधार पर, आयकर विभाग ने टुटेजा और शुक्ला के खिलाफ व्हाट्सएप चैट सहित कुछ डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए थे, जिससे पता चलता है कि दोनों न केवल ईडी की जांच को बाधित करने का प्रयास कर रहे थे बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार के नौकरशाहों तथा संवैधानिक पद पर बैठे लोगों के साथ मिलकर एसीबी/ईओडब्ल्यू के मामले को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे थे। यह मामला रायपुर की विशेष अदालत में विचाराधीन है।

प्राथमिकी में कहा गया है कि आलोक शुक्ला, 2018 से 2020 तक छत्तीसगढ़ राज्य शासन में लोक सेवक की हैसियत से प्रमुख सचिव के पद पर पदस्थ थे। अनिल टुटेजा 2019 से 2020 के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य शासन में लोक सेवक की हैसियत से संयुक्त सचिव के पद पर पदस्थ थे। सतीश चन्द्र वर्मा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में वर्ष 2019 से 2020 तक महाधिवक्ता, छत्तीसगढ़ राज्य शासन के पद पर लोक सेवक की हैसियत से पदस्थ थे। प्राथमिकी में कहा गया है कि टुटेजा और शुक्ला शासन में (कांग्रेस शासन 2018 से 2023 के दौरान) महत्वपूर्ण पदाधिकारी बन गये थे तथा इन अधिकारियों का वर्ष 2019 से लगातार सरकार के संचालन नीति निर्धारण एवं अन्य कार्यों में काफी हस्तक्षेप था। यह सरकार के सबसे शक्तिशाली अधिकारी थे तथा सभी महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापना और स्थानांतरण में इनका सीधा हस्तक्षेप था।

प्राथमिकी के अनुसार, एक तरह से कहा जाए कि छत्तीसगढ़ सरकार की सारी नौकरशाही इनके नियंत्रण में थी और वांछित अधिकारियों को वांछित पदस्थापना भी इनके नियंत्रण में थी। इस कारण राज्य सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ अधिकारियों पर इनका नियंत्रण था। प्राथमिकी के अनुसार, प्रकरण में व्हाट्सएप चैट और संलग्न दस्तावेजों के अवलोकन तथा गोपनीय सत्यापन और सूचना संकलन पर प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि, वर्ष 2019 से वर्ष 2020 तक लगातार आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार में लोक सेवक के पद पर पदस्थ रहते हुए अपने-अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को इस इरादे से अनुचित लाभ दिया गया कि उन्हें अनुचित तरीके से सार्वजनिक कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित किया जा सके। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि वर्मा के साथ मिलीभगत करके दोनों अधिकारियों ने कथित तौर पर आपराधिक षड़यंत्र करते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थ उच्चाधिकारियों के प्रक्रियात्मक और विभागीय कार्यों से संबंधित दस्तावेज तथा जानकारी में बदलाव करवाया।

उन्होंने अपने विरुद्ध दर्ज नागरिक आपूर्ति निगम के मामले में अपने पक्ष में उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले जवाब बनवाये जिससे उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ मिल सके तथा प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा पंजीबद्ध मामले में भी अग्रिम जमानत का लाभ मिल सके। प्राथमिकी में कहा गया है कि इसके अलावा, उन्होंने ईओडब्ल्यू के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर मामले में गवाहों पर अपने बयान बदलने के लिए कथित तौर पर दबाव डाला। कथित घोटाला फरवरी, 2015 में उजागर हुआ था, जब एसीबी/ईओडब्ल्यू ने नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के 25 परिसरों पर एक साथ छापे मारे थे, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करने के लिए नोडल एजेंसी थी।

इस दौरान कुल 3.64 करोड़ रुपये नगद जब्त किये गए थे। छापे के दौरान एकत्र किए गए चावल और नमक के कई नमूनों की गुणवत्ता की जांच की गई और दावा किया गया कि वे घटिया और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त हैं। बाद में, एसीबी ने मामले में दो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों, अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला तथा तत्कालीन राज्य सरकार के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग में तैनात अधिकारियों सहित 18 लोगों को आरोपी बनाया गया। 2019 में, ईडी ने घोटाले में छत्तीसगढ़ के एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दायर प्राथमिकी और आरोपपत्र के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी। टुटेजा नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के पूर्व अध्यक्ष हैं, जबकि शुक्ला इसके पूर्व प्रबंध निदेशक हैं। इस वर्ष अप्रैल में टुटेजा को छत्तीसगढ़ में कथित दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

मानव-हाथी संघर्ष के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय से चर्चा करेंगे : मोहन यादव

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रायपुर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि मानव-हाथी संघर्ष के मुद्दे पर वह छत्तीसगढ़ के अपने समकक्ष विष्णु देव साय से चर्चा करेंगे। उन्होंने रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से कहा कि दोनों पड़ोसी राज्य पर्यटन क्षेत्र में भी मिलकर काम करेंगे और आरक्षित वन क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देंगे। यादव ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच कई समान मुद्दे हैं, जिनके आधार पर हम विकास की संभावनाओं को तलाश सकते हैं।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि उड़ीसा और अन्य दक्षिणी राज्यों से हाथी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाथियों ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसेरा कर लिया है। यादव ने कहा, “मैंने इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री (साय) और छत्तीसगढ़ के वन मंत्री (केदार कश्यप) से बातचीत करने का फैसला किया है।” मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के खितौली रेंज के सांखनी और बकेली में 29 अक्टूबर को चार, 30 अक्टूबर को चार और 31 अक्टूबर को दो जंगली हाथी मृत पाए गए थे।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने दी दीपावली की शुभकामनाएं

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दीपावली की बधाई देते हुए ट्वीट किया है अवधपुरी मम पुरी सुहावनि। उत्तर दिशा बह सरयू पावनि।। पावन है अयोध्या धाम, जहाँ कण-कण में बसे हैं भांचा राम। यह दीपावली ऐतिहासिक है, क्योंकि करोड़ों सनातनियों के आराध्य, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भव्य राम मंदिर में विराजमान हुए हैं और उसके बाद यह पहली दीपावली है, जिसे करोड़ों रामभक्त बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। इस मंदिर के लिए लाखों लोगों ने बलिदान दिया, इस दिन के इंतजार में कई पीढ़ियाँ गुजरी हैं।

हम सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं जो ऐसी भव्य दीवाली के साक्षी बनने जा रहे हैं। छोटी दीपावली के पावन अवसर पर अयोध्या नगरी लाखों दीये की रौशनी से जगमगा रही है, लोग अपनी सनातन परंपरा और भगवान श्रीराम का यशगान कर रहे हैं। आप सभी प्रदेशवासियों से आग्रह है कि हम सभी के भांचा प्रभु राम के आगमन पर अपने-अपने घरों में भक्ति और आत्मीयता के दीप प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव मनाएं। जय भांचा राम! समस्त प्रदेशवासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आप सभी पर सदैव बना रहे।

छत्तीसगढ़ में धारदार हथियार से ग्रामीण की हत्या

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की धारदार हथियार से हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के बासागुड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुतकेल गांव में नक्सलियों ने दिनेश पुजारी (35) की धारदार हथियार से हत्या कर दी है। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात हथियारबंद नक्सलियों का दल पुतकेल गांव पहुंचा और धारदार हथियार से दिनेश की हत्या कर वहां से फरार हो गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल के लिए पुलिस दल रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से माओवादियों की पामेड़ एरिया कमेटी द्वारा जारी पर्चा मिला है जिसमे नक्सलियों ने दिनेश पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बासागुड़ा थाने में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में एक इनामी महिला नक्सली समेत पांच नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में पांच लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली समेत पांच नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गढ़चिरौली डिवीजन के अंतर्गत अहेरी एरिया कमेटी की सदस्य (एसीएम) सुशीला उर्फ बुज्जी ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उसके सर पर पांच लाख रुपए का इनाम था। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जिले में चार अन्य नक्सलियों सुखराम मोड़ियाम, सुददू कोरसा, लक्खू फरसा और सन्नू माड़वी ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादियों की भेदभाव पूर्ण नीति, उपेक्षा तथा विचारधारा से क्षुब्ध होकर और राज्य शासन की “नियद नेल्ला नार” (आपका अच्छा गांव) योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के खिलाफ पुलिस दल पर हमला, हत्या और शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को उत्साहवर्धन के लिए राज्य शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपए नगद प्रदान किये गये हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में जिले में अब तक कुल 185 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है तथा विभिन्न माओवादी घटनाओं में शामिल 411 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।

सुकमा में 19 नक्सली गिरफ्तार,छह इनामी नक्सलियों का आत्मसमर्पण

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छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों के जवानों ने हाल में अपने अभियान के दौरान 19 नक्सल आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें से तीन पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित था। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए सभी नक्सली अलग-अलग घटनाओं में शामिल थे। जगरगुंडा क्षेत्र से 14 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक ने भी 19 नक्सलियों के गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

उन्होंने कहा कि जवान लगातार जंगलों में घूम रहे हैं और लगातार सफलता भी मिल रही है। कंगालतोंग इलाके में रुक-रुक कर मुठभेड़ हो रही है। इसके अलावा इसी दिन एक नक्सली दंपति समेत छह नक्सलियों ने आत्मसर्मपण किया था जिनपर 24 लाख रुपये का इनाम घोषित था। बताया जा रहा है कि आत्म समर्पित नक्सली दंपतियों पर 10 लाख का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पित नक्सलियों में दो नक्सलियों पर पांच-पांच लाख का इनाम था। वहीं, दो पुरुष नक्सलियों पर दो-दो लाख का इनाम घोषित था। गौरतलब है कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष हथियार छोड़ समर्पण किया।