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एनआईए की कार्रवाई से बस्तर में शांति की राह मजबूत होगी: डिप्टी सीएम विजय शर्मा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने सुकमा-दंतेवाड़ा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई 12 ठिकानों पर छापेमारी का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अरनपुर आईईडी ब्लास्ट मामले से जुड़ी यह कार्रवाई पूरी तरह आवश्यक और स्पष्ट है। शर्मा ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, ‘अरनपुर आईईडी ब्लास्ट मामले से जुड़ी यह कार्रवाई पूरी तरह आवश्यक और स्पष्ट है। एनआईए ने माओवादी संगठन के सशस्त्र कैडरों पर निर्णायक प्रहार किया है। इनके पास से नकदी, लेवी रसीदें और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। इस तरह की कार्रवाई बस्तर क्षेत्र में शांति और स्थायत्वि की दिशा में बड़ा कदम है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी. सुंदरराज ने बताया कि राज्य पुलिस ने इस अभियान में एनआईए को लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया। उन्होंने कहा, भले ही प्रदेश में कई नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं, लेकिन जो अब भी हथियार उठाए हुए हैं उनके खिलाफ पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां सख्ती से कार्रवाई जारी रखेंगी। नक्सलवाद के खात्मे के लिए उनके आर्थिक स्त्रोतों को खत्म करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि एनआईए की जांच प्रक्रिया पूरी तरह स्वतंत्र है और जांच एजेंसी ही इस संबंध में मीडिया को जानकारी देने के लिए अधिकृत है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में नक्सलवाद के खिलाफ एनआईए ने सात नवंबर को सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में कुल 12 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की जो 2023 के अरनपुर आईईडी ब्लास्ट मामले से जुड़ी बताई जा रही है।

इस छापेमारी के दौरान एजेंसी को नकदी, हस्तलिखित पत्र, प्रिंटेड लेवी रसीद बुक्स और डिजिटल उपकरण सहित कई आपत्तिजनक सामग्री मिली है। एनआईए के अनुसार यह मामला प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के दरभा डिविजन से संबंधित है जिसने 26 अप्रैल 2023 को दंतेवाड़ा जिले के पेड़का गांव के पास आईईडी ब्लास्ट कर पुलिस बल पर हमला किया था। इस हमले में कई जवान शहीद हुए थे। जांच एजेंसी ने अब तक गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की हैं और जांच की प्रक्रिया जारी है। छापेमारी में एजेंसी को जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें माओवादी संगठन की लेवी वसूली की रसीदें, स्थानीय नेटवर्क से जुड़े नाम और संपर्क सूत्र शामिल बताए जा रहे हैं। एनआईए का मानना है कि यह दस्तावेज नक्सली संगठनों की फंडिंग प्रणाली और जमीनी नेटवर्क को उजागर करने में अहम साबित होंगे।

प्रधानमंत्री ने विकास के नाम पर बिहार के साथ फर्जी वादे और धोखा किया : कांग्रेस

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कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के विकास के नाम पर प्रदेश के साथ सिर्फ फर्जी वादे और धोखा किया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि इस बार बिहार की जनता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को सत्ता से हटाने के लिए वोट कर रही है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “राजग के 20 साल के शासन के बाद भी जब प्रधानमंत्री बिहार की धरती पर आते हैं, तो उन्हें बिहारियों के लिए सिर्फ़ कट्टा और गोली याद आते हैं – लेकिन बिहार के विकास के नाम पर बस उनके पास ढेर सारे फर्जी वादे और धोखा है।” उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री सीतामढ़ी और बेतिया में हैं। बिहार के साथ हुए भेदभाव और उपेक्षा को लेकर उनसे सीधे सवाल हैं।” रमेश ने कहा, “केंद्र सरकार ने 2021-22 में पीएम -मित्र योजना के तहत देश में 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने की घोषणा की थी।

मई, 2023 में 7 राज्यों का चयन हुआ -इनमें बिहार का नाम नहीं था। जबकि अपने सांप्रदायिक बयानों के लिए कुख्यात कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, बिहार से ही हैं -फिर भी वे अपने राज्य के लिए एक भी टेक्सटाइल पार्क नहीं ला सके।” रमेश ने कहा, “चुनाव के दौरान राजग के संकल्प पत्र में दावा किया गया कि मिथिला टेक्सटाइल पार्क और अंग सिल्क पार्क विकसित करके बिहार को दक्षिण एशिया का टेक्सटाइल हब बनाया जाएगा।” उन्होंने दावा किया, जबकि सच यह है कि फरवरी 2025 में लोकसभा में कपड़ा मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा था बिहार से ‘पीएम-मित्र’ के लिए कोई प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हुआ है, और 2027-28 तक ऐसी कोई योजना भी नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा, “राज्य सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि उसने पश्चिम चंपारण में पीएम -मित्र पार्क की स्थापना के लिए 10 दिसंबर, 2024 को कपड़ा मंत्रालय को पुनर्विचार हेतु प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।” उनका कहना है, “सवाल प्रधानमंत्री से है कि बिहार के साथ यह सौतेला व्यवहार और भेदभाव क्यों?” रमेश ने कहा, “12 अप्रैल 2017 को राज्यसभा में भाजपा सरकार ने कहा: ‘माता सीता के सीतामढ़ी में जन्म लेने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।’ यह जवाब भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिया गया था।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयान बिहार की आस्था, मिथिला की अस्मिता और सांस्कृतिक गौरव का सीधा अपमान है। रमेश ने कहा, “सवाल प्रधानमंत्री से यह है कि जब आपकी ही सरकार ने संसद में बिहार की आस्था का अपमान किया- तो आज सीतामढ़ी की पवित्र धरती पर आने से पहले क्या आप सार्वजनिक माफी मांगेंगे?

बिहार के धार्मिक स्थलों को संरक्षित और विकसित करने में आपकी दिलचस्पी क्यों नहीं है?” उनके मुताबिक, मोतीहारी-शिवहर-सीतामढ़ी रेल लाइन परियोजना रद्द कर दी गई जबकि इस क्षेत्र के लोग वर्षों से इस रेल लाइन की मांग सालों से कर रहे थे। रमेश ने सवाल किया, “सीतामढ़ी की जनता का क्या कसूर है? क्या प्रधानमंत्री उन्हें इसका जवाब देंगे?” उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता पिछले 20 वर्षों से इस भाजपा -जद (यू) की ‘ट्रबल इंजन’ सरकार के झूठे वादों एवं लगातार हुए भेदभाव को झेल रही है। रमेश ने कहा, “इस बार बिहार बदलाव के लिए वोट करेगा। राजग को सत्ता से हटाने के लिए वोट करेगा।

छत्तीसगढ़ में डीजल चोरी के आरोप में एक्सकेवेटर मशीन ऑपरेटर को बांधकर पीटा, चार आरोपी गिरफ्तार

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छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक पत्थर की खदान में काम करने वाले एक एक्सकेवेटर मशीन ऑपरेटर को सात लोगों ने कथित तौर पर डीजल चोरी के आरोप में अर्ध नग्न करके बांध दिया और बेरहमी से पीटा। इस मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति अंत:वस्त्र पहने हुए दिख रहा है और उसके हाथ-पैर बंधे हुए हैं और उसे कुछ लोग लात-घूंसे मार रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मारपीट की यह घटना चार नवंबर को बरियो पुलिस चौकी इलाके के भिलाईखुर्द गांव में हुई और इस सिलसिले में शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि इलाके के बघिमा गांव निवासी विनोद सारथी (25) ने अपनी शिकायत में बताया कि वह पिछले तीन साल से भिलाईखुर्द में लालू की पत्थर यूनिट में पोकलेन मशीन ऑपरेटर के तौर पर काम कर रहा है। वह जब चार नवंबर की सुबह अपने काम पर गया था तब लगभग पूर्वाह्न 11 बजे अन्य क्रशर यूनिट का अकाउंटेंट संजय प्रधान अपने साथियों रविशंकर, जेपी यादव, मोनू दास, रामलाल, दीपक अग्रवाल और एक और व्यक्ति के साथ वहां आया और उस पर डीजल चोरी का आरोप लगाकर उसे गाली देने और पीटने लगा। सारथी ने बताया कि आरोपियों ने कथित तौर पर उसे अर्ध नग्न कर दिया और एक कमरे के भीतर उसके हाथ-पैर स्कार्फ से बांधकर मुक्कों और लातों से पीटा।

सारथी ने शिकायत में कहा है कि उसके साथी वरुण शर्मा को भी आरोपियों ने नग्न करके पीटा। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को हिरासत में लिया है तथा अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।

बिहार में बिजली संकट को खत्म करेगा भागलपुर पावर प्रोजेक्ट, औद्योगिक विकास को मिलेगी नई गति

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पिछले पांच दशकों में बिहार की कहानी अधूरी संभावनाओं की रही है। यहां की युवा आबादी रोजगार की तलाश में पलायन करती रही, उद्योग ठहरते गए और बिजली की कमी ने विकास की रफ्तार को थाम दिया। मगर हर परिवर्तन एक चिंगारी से शुरू होता है और बिहार के लिए वह चिंगारी अब भागलपुर पावर प्रोजेक्ट हो सकता है।अदाणी पावर द्वारा विकसित किया जा रहा 2,400 मेगावॉट का थर्मल पावर प्लांट, ₹30,000 करोड़ के निवेश के साथ, सिर्फ एक औद्योगिक परियोजना नहीं है यह बिहार की नई आर्थिक पहचान का प्रतीक है। यह संदेश देता है कि पारदर्शिता, सुशासन और प्रतिबद्धता के साथ, निजी निवेश भी अब पूर्वी भारत की धरती पर मजबूती से कदम रख सकता है।जब बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड ने इस परियोजना की परिकल्पना 2012 में की थी, तब बहुतों को यकीन नहीं था कि यह कभी हकीकत बनेगी।

वर्षों की देरी के बाद, सरकार ने 2024 में इसे ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से पुनर्जीवित किया। अदाणी समूह ने प्रतिस्पर्धी दर ₹6.075 प्रति यूनिट की पेशकश के साथ यह परियोजना हासिल की, जो देश के अन्य समान प्रोजेक्ट्स की तुलना में कम है। सबसे महत्वपूर्ण बात इसके लिए कोई नई भूमि अधिग्रहण नहीं हुआ। सरकारी स्वामित्व वाली भूमि को लीज़ पर देकर जनहित और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित किए गए।विशेषज्ञों के मुताबिक, इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में लगाए गए हर ₹1 करोड़ पर 200 से 250 मैन-इयर्स का रोजगार सृजित होता है। इस हिसाब से यह प्रोजेक्ट अकेले लाखों मानव-दिवसों का रोज़गार अवसर पैदा करेगा। यह स्थानीय मजदूरों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए रोजगार का नया दरवाजा खोलेगा। इस परियोजना से बिहार की औद्योगिक स्थिति में भी बड़ा बदलाव आने की संभावना है।

बिजली की स्थिर आपूर्ति से राज्य में विनिर्माण उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स और छोटे उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनेगा। ऊर्जा ही वह आधार है जो उद्योगों को गति देती है और आर्थिक विकास का इंजन बनती है। अदाणी का भागलपुर प्रोजेक्ट इसी शक्ति का प्रतीक है—जहां निवेश केवल उत्पादन नहीं, बल्कि विकास और विश्वास दोनों का माध्यम बनता है।इस परियोजना का समय भी अत्यंत अहम है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार, अगले दशक में बिहार की बिजली मांग लगभग दोगुनी होने जा रही है। अगर नए उत्पादन संयंत्र स्थापित नहीं किए गए, तो राज्य एक बार फिर ऊर्जा संकट में फंस सकता है। भागलपुर पावर प्रोजेक्ट इस कमी को पूरा करेगा और औद्योगिक विकास को नई गति देगा।परियोजना का प्रभाव केवल बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं रहेगा। इतनी बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई जान डालेगी।

निर्माण सामग्री, लॉजिस्टिक्स, परिवहन, रखरखाव और सेवा क्षेत्रों में हजारों प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। स्थानीय युवाओं के लिए यह अवसर उनके अपने घर में रोजगार का नया द्वार खोलेगा।सबसे गहरा असर मानसिकता पर होगा। दशकों से बिहार को एक ऐसे राज्य के रूप में देखा जाता रहा है, जहां से लोग काम की तलाश में बाहर जाते हैं। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है भागलपुर प्रोजेक्ट उस सोच को उलटने वाला प्रतीक बन सकता है। यह संदेश देता है कि अब “काम बिहार में मिलेगा, बिहार के लिए मिलेगा।”अगर राज्य इसी राह पर आगे बढ़ता रहा पारदर्शी नीतियों और विश्वसनीय निवेशकों का स्वागत करता रहा तो आने वाले वर्षों में बिहार अपनी आर्थिक भूगोल को दोबारा लिख सकता है। भागलपुर सिर्फ एक पावर प्रोजेक्ट नहीं है, यह एक नई सुबह की शुरुआत है उस बिहार की, जो अब अपना श्रम नहीं, अपनी शक्ति निर्यात करेगा।

आंकड़े बताते हैं कि बिहार की प्रति व्यक्ति जीडीपी केवल 776 अमेरिकी डॉलर है, जबकि बिजली की प्रति व्यक्ति खपत मात्र 317 किलोवाट प्रति घंटा है, जो देश के प्रमुख राज्यों में सबसे कम है। तुलना करें तो गुजरात की प्रति व्यक्ति बिजली खपत 1,980 किलोवाट प्रति घंटा और प्रति व्यक्ति जीडीपी 3,917 अमेरिकी डॉलर है। स्पष्ट है कि जहां बिजली है, वहां समृद्धि है। जहां बिजली की स्थायी उपलब्धता होती है, वहां उद्योग बढ़ते हैं, रोजगार बनते हैं और आय बढ़ती है। जहां बिजली नहीं, वहां युवाओं को पलायन करना पड़ता है। आज बिहार के लगभग 3.4 करोड़ श्रमिक रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। महत्वपूर्ण यह है कि इस परियोजना के लिए किसी नई भूमि हस्तांतरण की आवश्यकता नहीं पड़ी।

भूमि पहले से ही राज्य सरकार के स्वामित्व में है और इसे बिहार इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2025 के तहत नाममात्र किराए पर लीज़ पर दिया गया है। परियोजना की अवधि पूरी होने के बाद यह भूमि स्वतः राज्य सरकार को लौट जाएगी। यह प्रक्रिया दिखाती है कि बिहार अब निवेश आकर्षित करने के लिए पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी मॉडल अपना रहा है, जहां जनता के हित और निवेशक का विश्वास दोनों सुरक्षित हैं।बिहार की सबसे बड़ी चुनौती हमेशा ऊर्जा की कमी रही है। यह प्रोजेक्ट उस कमी को दूर करने के साथ-साथ राज्य को निवेश आधारित विकास की राह पर ले जाएगा। यह सिर्फ बिजली का नहीं, बल्कि बिहार के आत्मविश्वास का प्रोजेक्ट है। दशकों से बिहार के युवा दूसरे राज्यों में जाकर फैक्ट्रियों को रोशन करते रहे हैं, अब वही रोशनी उनके अपने घरों और शहरों में लौटेगी। अदाणी का भागलपुर पावर प्रोजेक्ट बिहार को ऊर्जा, रोजगार और विकास की नई दिशा देने वाला है जहां हर गांव और हर घर में ‘रोशनी’ ही नई कहानी लिखेगी।

ट्रंप के बयान पर ‘हाउडी मोदी’ का क्या कहना है, कांग्रेस का कटाक्ष

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कांग्रेस ने ‘भारत एवं पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता’ और ”भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना काफी हद तक बंद किए जाने” संबंधी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र पर शुक्रवार को कटाक्ष किया और कहा कि अब ‘हाउडी मोदी’ को इस बारे में क्या कहना है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा ट्रंप ने 59 बार किया है। ‘हाउडी मोदी’ 22 सितंबर 2019 को अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित एक कार्यक्रम था जिसे प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप ने संबोधित किया था। रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”आज सुबह ‘ट्रंपट्रैकर’ ने 59 का आंकड़ा छू लिया है।

ट्रंप ने दोहराया कि उन्होंने व्यापार और शुल्क (टैरिफ) का उपयोग करके ऑपरेशन सिंदूर को 24 घंटे के भीतर रुकवा दिया, भारत ने रूस से तेल खरीदना काफी हद तक बंद कर दिया है और वह प्रधानमंत्री मोदी से बात करते हैं तथा मोदी यह चाहते हैं कि वह (ट्रंप) भारत का दौरा करें, जो अगले साल हो सकता है।” उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ”इस सबके बारे में ‘हाउडी मोदी’ का क्या कहना है?” भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया गया था।

अमेरिका के राष्ट्रपति अक्सर यह दावा करते हैं कि उन्होंने इस साल मई में शुल्क लगाने और व्यापार नहीं करने की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रुकवाया था। भारत हालांकि बार-बार यह स्पष्ट करता रहा है कि इस साल मई में पाकिस्तान के सैन्य परिचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) द्वारा संपर्क किए जाने के बाद सैन्य कार्रवाई रोके जाने पर सहमति बनी थी।

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हुए तो राजग सरकार को जनता उखाड़ फेंकेगी: प्रियंका

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर बिहार विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराए गए तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार उखाड़ फेंकी जाएगी और उसकी जगह एक ऐसी सरकार आएगी जो गरीबों , महिलाओं और युवाओं के लिए काम करेगी। उन्होंने यहां एक चुनावी सभा में यह आरोप भी लगाया कि राजग सरकार के मन में बिहार के लोगों के प्रति कोई सम्मान नहीं है , जिन्होंने देश के विकास में बहुत योगदान दिया। प्रियंका गांधी ने कहा , ” भाजपा नेता लोगों से धर्म के नाम पर राजग को वोट देने का आग्रह करते हैं , न कि विकास के लिए। अगर यह चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हुआ , तो बिहार के लोग इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और ऐसी सरकार को चुनेंगे जो गरीबों , महिलाओं और युवाओं के लिए काम करेगी।

उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा हरियाणा में कथित ‘ वोट चोरी ‘ को लेकर बुधवार को किए गए खुलासे का उल्लेख करते हुए कहा , ” भाजपा ने हरियाणा में पूरी सरकार चोरी कर ली। वहां 25 लाख फर्जी वोट पाए गए। ऐसी ‘वोट चोरी’ से आपके अधिकार छीने जाते हैं। इससे वह संविधान कमजोर होता है, जिसके लिए महात्मा गांधी जी लड़े, मेरे परिवार के लोग शहीद हुए।” प्रियंका गांधी ने जनता का आह्वान किया, ”आप बिहार में एक ऐसी सरकार बनाइए, जो महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीबों के लिए काम करे- ‘वोट चोरी’ न करे।” उन्होंने महागठबंधन के पोस्टर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक बयान का हवाला देते हुए कहा, ”नरेन्द्र मोदी विपक्षी पार्टियों के पोस्टर में लोगों की फोटो नापते रहते हैं। वह देश के प्रधानमंत्री हैं, क्या उनके पास और कोई काम नहीं है?

कांग्रेस महासचिव ने चंपारण में महात्मा गांधी के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा, ”हम कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हैं, जिनको महात्मा गांधी जी ने रास्ता दिखाया। वहीं, महात्मा गांधी जी को ये रास्ता दिखाने वाले आपके पूर्वज थे। बिहार के लोगों को इस देश में अपनी भागीदारी समझनी पड़ेगी। आपको समझना पड़ेगा कि इस देश को बनाने वाले आपके पूर्वज हैं।” पेपर लीक का मुद्दा उठाते हुए प्रियंका ने कहा, ”युवा लगातार परीक्षा देते हैं, लेकिन बार-बार पेपर लीक हो जाता है। ऐसे में परीक्षा और नियुक्तियों के इंतजार में युवाओं के जीवन के कई साल बर्बाद हो जाते हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में युवाओं की यही स्थिति है।

अवैध घुसपैठिए रोजगार छीनते हैं, देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं : अमित शाह

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए न केवल देश के नागरिकों के रोजगार छीनते हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव राज्य को “घुसपैठियों से मुक्त” करने का अवसर है। पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शासनकाल में “हत्या, नरसंहार और बलात्कार” जैसी घटनाएं आम थीं, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में ‘बाहुबलियों’ के लिए कोई जगह नहीं है।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मखाना बोर्ड की स्थापना की, लेकिन अगर ‘लालू एंड कंपनी’ की सरकार बनी तो वे ‘घुसपैठिया घुसाओ बोर्ड’ बना देंगे।” शाह ने घोषणा की कि अगर राज्य में राजग की सरकार बनी तो चंपारण में एक नया हवाईअड्डा बनाया जाएगा, क्षेत्र की सभी बंद चीनी मिलों को सहकारी समितियों के माध्यम से फिर से शुरू किया जाएगा और थारू समुदाय के लिए विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी। महागठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि अगर ‘ठगबंधन’ सत्ता में आया तो चंपारण ‘मिनी चंबल’ में बदल जाएगा। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बिहार को विकास, सुरक्षा और सुशासन के मार्ग पर बनाए रखने के लिए राजग को वोट दें।

भाजपा कर रही बिहार में चुनाव ‘चोरी करने’ की कोशिश, युवा और ‘जेन जेड’ इसे रोकें, बिहार में बोले राहुल गांधी

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के बाद अब बिहार का चुनाव ”चोरी करने” की कोशिश कर रही है। उन्होंने पूर्णियां की जनसभा में युवाओं और ‘जेन जेड’ का आह्वान किया कि भाजपा और निर्वाचन आयोग के ”वोट चोरी” करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए मुश्तैद रहें। गांधी ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ”हमने ऐसा सबूत दिया है कि भाजपा और निर्वाचन आयोग उसका कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं।” उन्होंने दावा किया, ”भाजपा ने हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ का चुनाव चोरी किया, लोकसभा का चुनाव चोरी किया।

अब ये बिहार का चुनाव चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं…इन लोगों ने महागठबंधन के वोटरों के नाम काटे हैं और फर्जी लोगों के नाम जोड़े हैं। ये लोग पूरा दम लगाकर चुनाव चोरी करने की कोशिश करेंगे।” गांधी ने कहा था, ”बिहार के युवाओं और जेन जेड की जिम्मेदारी है कि संविधान को बचाना है। अगर भाजपा और निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी’ करने की कोशिश करें तो आपको उन्हें रोकना होगा।” राहुल गांधी ने ”वोट चोरी” के खिलाफ अपनी मुहिम को जारी रखते हुए बुधवार को हरियाणा की मतदाता सूची से जुड़े आंकड़े सामने रखे थे और दावा किया था कि पिछले साल अक्टूबर में हुए राज्य विधानसभा चुनाव को 25 लाख फर्जी मतों के जरिये चोरी किया गया था।

उन्होंने निर्वाचन आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप भी लगाया था। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने उनके आरोपों को निराधार बताया था। उन्होंने बिहार से पलायन होने और बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने युवाओं को ”देश का मजदूर” बना रखा है। गांधी ने दावा किया कि बिहार में स्वास्थ्य सेवा इतनी बदहाल है कि अस्पताल में मरीजों का उपचार नहीं होता, बल्कि उनकी मौत होती है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन चाहता है कि एक दिन ऐसा आए कि मोबाइल फोन ‘मेड इन चाइना’ नहीं, बल्कि ‘मेड इन बिहार’ लिखा हो।

छत्तीसगढ़ में 17 लाख रुपये की इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

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छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में 17 लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली ने बृहस्पतिवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी (मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ जोन) से संबंधित नक्सली कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (30) ने केसीजी जिले के पुलिस अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने बताया कि सोड़ी ने छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।

अधिकारियों ने बताया कि सोड़ी सुकमा जिले के अरलमपल्ली गांव की निवासी है। वह 2011 से माओवादी संगठन से जुड़ी थी और छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गोंदिया जिला) और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय रूप से नक्सली गतिविधियों में शामिल रही। उन्होंने बताया कि सोड़ी प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी (मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ जोन) से संबंधित सदस्य रही है। अधिकारियों ने कहा कि वह संगठन की सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में कार्यरत थी और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ पुलिस ने उस पर कुल 17 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।

अधिकारियों ने बताया कि वह भर्ती, प्रचार और पुलिस बलों पर हमले की योजना में शामिल थी। उन्होंने बताया कि सोडी़ी को छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नक्सलवाद उन्मूलन नीति’ के अंतर्गत 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि तत्काल प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, सरकार की पुनर्वास नीति-2025 के तहत अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने 10 साल बिहार की महिलाओं की सुध नहीं ली, अब कर रहे हैं ‘डिजिटल संवाद’: कांग्रेस

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कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक दशक में बिहार की महिलाओं की सुध लेने की याद नहीं आई और अब चुनाव के समय वोट के लिए ‘डिजिटल संवाद’ का ढोंग किया जा रहा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि बिहार में 20 वर्षों की भाजपा-जद(यू) सरकार में महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और सम्मान की लगातार अनदेखी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार अभियान के अंतिम चरण में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की महिला कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। यह बातचीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ पहल के तहत होगी। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”बिहार में 20 वर्षों की भाजपा-जद(यू) सरकार में महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और सम्मान की लगातार अनदेखी हुई।

प्रधानमंत्री को एक दशक तक बिहार की महिलाओं की सुध लेने की याद नहीं आई और अब चुनाव के समय वोट के लिए डिजिटल संवाद का ढोंग किया जा रहा है।” उन्होंने दावा किया कि भाजपा-जद(यू) शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराध बेतहाशा बढ़े हैं और महिलाओं के खिलाफ अपराध में 336 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उनका कहना था कि पहले की तुलना में अब हर साल 20,222 अपराध हुए तथा अब तक कुल 2,80,000 महिलाएं इसका शिकार हुईं। कांग्रेस नेता ने कहा, ”1,17,947 मामले अभी तक अदालतों में लंबित हैं जो देश में सबसे अधिक हैं। महिलाओं के अपहरण के मामलों में 1097 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पहले हर साल अपहरण की 929 घटनाएं होती थीं लेकिन अपहरण की 10,190 की घटनाएं होती हैं।” उन्होंने सवाल किया, ”महिलाओं के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ अपराध के बावजूद भाजपा-जद(यू) की सरकार महिलाओं को सुरक्षा क्यों नहीं दे पाई?” कांग्रेस नेता ने दावा किया, ”चुनावी हार से घबराकर सरकार अब महिलाओं के अकाउंट में 10,000 रुपये डाल रही है।

मगर बिहार की लाखों बेटियां माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के कर्ज़ के जाल में बुरी तरह फंसी हुई हैं। अब तक एक करोड़ 9 लाख महिलाएं कर्ज़ के जाल में फंस चुकी हैं।” उनके अनुसार, औसतन बकाया 30,000 रुपये प्रति महीना तक हो चुका है तथा इस वजह से ”वसूली एजेंट का गुंडा राज”, सामाजिक अपमान, पलायन, आत्महत्या तक की नौबत आ रही है। रमेश ने कहा, ”पश्चिमी चंपारण की सुनीता देवी इसका जीती-जागती उदाहरण हैं। उन्होंने 40,000 रुपये का ऋण लिया था। बीमा/कटौती के बाद उनके हाथ में 33,000 रुपये आए। 2,800 रुपये प्रति माह के हिसाब से उन्होंने दो साल में 68,200 रुपये चुका दिए। इसके बावजूद जैसे ही एक किस्त रुकी, उन्हें वसूली एजेंट की तरफ से धमकी मिली कि बेटी को उठा ले जाएंगे।” उनका कहना था कि यह कोई अपवाद नहीं है, बल्कि बिहार में ऐसे लाखों मामले हैं। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि ”माइक्रो फाइनेंस माफ़िया” को किसका संरक्षण मिला हुआ है? उन्होंने कहा, ”महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान, और अधिकार से कोई समझौता नहीं। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से मुक्ति के लिए राजग की सत्ता से मुक्ति ज़रूरी है।’